Move to Jagran APP

कबाड़ की ढ़ेर में जिदगी तलाश रही बेटियां

बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का नारा सिर्फ कागजों में सिमट कर रह गया है। आज भी कई घरों की छोटी-छोटी बालिकाएं सुबह उठते ही घर-गृहस्थी के काम में लग जाती है। हद तो तब हो जाती है जब पेट की आग बूझाने के लिए नन्हे व कोमल हाथ सड़क पर कूड़ा बीनते नजर आते हैं। बात यही नहीं खत्म होती कुछ ऐसी भी हैं

By JagranEdited By: Published: Mon, 09 Sep 2019 07:30 PM (IST)Updated: Tue, 10 Sep 2019 06:26 AM (IST)
कबाड़ की ढ़ेर में जिदगी तलाश रही बेटियां

जागरण संवाददाता, बांसडीह (बलिया) : बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का नारा सिर्फ कागजों में सिमट कर रह गया है। आज भी कई घरों की छोटी-छोटी बालिकाएं सुबह उठते ही घर-गृहस्थी के काम में लग जाती है। हद तो तब हो जाती है जब पेट की आग बुझाने के लिए नन्हें व कोमल हाथ सड़क पर कूड़ा बीनते नजर आते हैं।

loksabha election banner

बात यही नहीं खत्म होती कुछ ऐसी भी हैं जो अपने वजन से अधिक का ठेला खिच कर परिवार के भरण पोषण में अपना अंशदान करती हैं। ऐसा नजारा प्रतिदिन देखने को मिलता है। जहां सम्पन्न परिवारों की लड़कियां सुबह साफ सुथरे परिधानों में कंधे पर बैग लटकाए स्कूल की ओर रवाना होती हैं वहीं कचहरी चौराहे पर सप्तर्षि गेट के आसपास दो बहनें पीठ पर बोरी टांगी कुड़े के ढ़ेर में जिदगी तलाशती नजर आती हैं। यह तो बानगी भर है। स्कूल चलो अभियान और बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान को मुंह चिढ़ाती ऐसी तस्वीरें आए दिन देखने को मिल जाती हैं।

कूड़े के ढ़ेर से प्लास्टिक की थैलियों व कार्टूनों को चुनती बालिकाओं ने बताया कि इससे घर-गृहस्थी में कुछ सहयोग हो जाता है। स्कूल जाने से पेट थोड़े ही भरेगा। सरकारी हुक्मरानों के लिए भले ही यह तस्वीर मामूली नजर आएं लेकिन इसने एक बात तो स्पष्ट कर दी कि नीतियों व कार्यकर्मों का क्रियान्वयन समाचार पत्रों तक सिमट कर रह गया है। शिक्षा से वंचित छात्र-छात्राओं के लिए बेसिक शिक्षा विभाग जहां अभियान चलाने का दावा करता है वहां इस प्रकार की तस्वीर कई प्रकार का प्रश्न खड़ा करता है। जिसका जबाब शायद जिम्मेदारों के पास नहीं है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.