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बंजर जमीन पर उगाई लोबिया, लौकी और हरी गोभी

बलिया खून-पसीने से सींचने के बाद भी आपका खेत अगर उपज नहीं दे पा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 02 Jun 2021 10:57 PM (IST)Updated: Wed, 02 Jun 2021 10:57 PM (IST)
बंजर जमीन पर उगाई लोबिया, लौकी और हरी गोभी

संग्राम सिंह, बलिया

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खून-पसीने से सींचने के बाद भी आपका खेत अगर उपज नहीं दे पा रहा है, तो यकीनन यह खबर आपके काम की है। आइआइटी दिल्ली के सेंटर आफ इनर्जी स्टडी विभाग के रिटायर्ड प्रोफेसर को बलिया में बंजर भूमि को उपजाऊ बनाने में सफलता मिली। जिले में यह विशेष शोध वर्ष 2019 से जामिया मिलिया इस्लामिया दिल्ली की ओर से चल रहा है। बलिया निवासी गोपालनाथ तिवारी को प्रधान शोधकर्ता उस वक्त नियुक्त किया गया, जब वह दो साल पहले यहां एजेंट प्रोफेसर पद पर नियुक्त थे। उन्हें विज्ञान व तकनीकी मंत्रालय ने ढाई करोड़ रुपये आवंटित किये हैं। उन्होंने अपनी दो बीघा बंजर जमीन पर चिलकहर के जवाहरनगर गांव में ग्रीन हाउस इंटीग्रेटेड सेमी ट्रांसपरेंट फोटो बोल्टाई सिस्टम स्थापित किया। अब वह शोध पूरा हो चुका है, वे लोबिया, लौकी, हरी गोभी, तोरिया, टमाटर व खीरा की बंपर पैदावार कर चुके हैं। क्यारी बनाकर मिट्टी, बालू, पानी और गोबर की खाद के मिश्रण से सब्जी उगाई है। 1520 वर्ग फीट जमीन पर उन्होंने 270 किलोग्राम टमाटर भी पैदा किया है। दो साल से चल रहे शोध की सफलता के बाद अब प्रोजेक्ट को विस्तार देने की तैयारी शुरू हो चुकी है। अब विस्तृत रिपोर्ट उन्होंने मंत्रालय को भी भेज दी है।

--------------- ऐसे प्रयोग हुआ सफल

प्रोफेसर गोपालनाथ पांडेय ने बताया कि बंजर जमीन पर 120 फीट लंबी क्यारी बनाई गई। उसकी चौड़ाई ढाई फीट जबकि मोटाई पांच इंच रखी गई। उसमें 40 फीसद मिट्टी, 40 फीसद बालू और 20 फीसद गोबर की खाद का मिश्रण को सड़ने के लिए छोड़ दिया गया। 15 दिन के अंतराल में पानी का छिड़काव भी किया गया। नमी बनाए रखने के लिए मिश्रण को समय-समय पर कुदाल से मिलाया गया। छह माह बाद क्यारियां बोवाई के लिए तैयार हो गईं। 1520 वर्ग फीट एरिया में छह प्रजातियों की अलग-अलग बोवाई हुई। सितंबर 2020 में लौकी का बीज बोया गया, वे थोड़े अंतराल में अंकुरित होने लगे। 25 दिन बाद लंबाई तीन इंच तक बढ़ गई। 60 दिन में औसतन फसल तैयार हो गई।

-------------- 27 हजार वर्ग फीट में तैयार होगी 7.08 क्विटल सब्जी

रिटायर्ड प्रोफेसर गोपालनाथ तिवारी ने बताया कि रिसर्ज प्रोजेक्ट के तहत बंजर जमीनों पर शोध किया गया। इस तरकीब से 2700 वर्ग फीट जमीन पर 7.08 क्विटल सब्जी का उत्पादन किया जा सकता है। भोपाल से छह सब्जियों का बीज मंगाया गया था। 1500 रुपये में छह पैकेट बीज बोये गए थे, इससे अब काफी उत्पादन हो चुका है। प्रो. तिवारी को 2007 में सोलर इनर्जी पार्क स्थापित करने के कारण विज्ञान रत्न का सम्मान मिल चुका है। आइआइटी दिल्ली से वह 2016 में रिटायर्ड हो चुके हैं। 40 साल की सेवा में उनके करीब छह सौ शोध जनरल में प्रकाशित हो चुके हैं।

----------- किस सब्जी का कितना उत्पादन

40 : किलोग्राम लोबिया

01 : क्विटल लौकी

2.70 : क्विटल टमाटर

1.21 : क्विटल हरी गोभी

1.44 : क्विटल खीरा

90 : किलोग्राम तोरिया

(नोट : यह उत्पादन 1520 वर्ग फीट आकार की छह क्यारी में हुआ है)


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