खेत में जाने को विवश हुए राजस्थान से लौटे मजदूर
जागरण संवाददाता बिल्थरारोड (बलिया) वैश्विक महामारी से निपटने को जहां पूरे देश में लाकडाउन के बीच जरुरतमंदों की मदद को होड़ लगी है। वहीं बलिया जनपद के गांवों में बाहर से पहुंच रहे अतिथि यात्रियों के लिए बने अस्थायी रैन बसेरा में व्यवस्था को लेकर राजनीति तेज हो गई है।
जागरण संवाददाता, बिल्थरारोड (बलिया) : वैश्विक महामारी से निपटने को जहां पूरे देश में लॉकडाउन के बीच जरूरतमंदों की मदद को होड़ लगी है। वहीं बलिया जनपद के गांवों में बाहर से पहुंच रहे अतिथि यात्रियों के लिए बने अस्थायी रैन बसेरा में व्यवस्था को लेकर राजनीति तेज हो गई है। ग्राम पंचायत चुनाव में प्रधानी साधने को यहां गंवई राजनीति इस कदर तेज हो गई है कि रैनबसेरा में शौचालय पर भी शुक्रवार को राजनीति जमकर हुआ। मामला सीयर ब्लाक के रछौली गांव में प्राथमिक स्कूल पर बने अस्थायी रैन बसेरा का है।
राजस्थान में मजदूरी कर रहे यहां के करीब एक दर्जन युवक पिछले तीन दिन पूर्व ही अपने गांव पहुंचे, जिन्हें प्रशासन के निर्देश पर गांव में बने अस्थायी रैन बसेरा में 14 दिन के लिए कोरंटाइन पर रखा गया। सभी युवाओं के परिजन ने भी इसका पूरा सहयोग किया कितु यहां ठहरे लोगों के लिए न तो भोजन की व्यवस्था हुई और न ही मच्छर से निजात को कोई उपाय किया गया। बिजली, पानी की व्यवस्था तो दूर, यहां शौचालय तक में ताला लटका रहा। जिसके कारण लोगों को शौच के लिए खेत में जाना पड़ा।
गांव के प्रधान की गंवई राजनीति में यहां शौचालय का ताला तक नहीं खोला गया। कारण कि स्कूल में बना शौचालय पूर्व प्रधान के कार्यकाल में बना था। जब युवाओं ने इसका विरोध किया तो प्रशासनिक अधिकारियों के कान खड़े हो गए। अधिकारियों के निर्देश पर शुक्रवार की सुबह उक्त रैन बसेरा में पंखा लटकाया गया और परिसर के अंदर पेयजल की व्यवस्था की गई। दोपहर बाद एसडीएम राजेश कुमार यादव, बीडीओ सीयर विनय कुमार वर्मा व सप्लाई इंस्पेक्टर दिलीप सिंह ने स्वयं ही पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया कितु तब तक वर्तमान प्रधान ने पहुंचकर स्थिति को संभाल लिया और शौचालय का ताला खोल दिया। एसडीएम ने रैन बसेरा में भोजन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। वहीं कहा कि गंवई राजनीति के तहत यहां गलत सूचनाएं देकर प्रशासन को परेशान किया जा रहा है।