बदला मौसम का मिजाज, बादलों से ढका रहा आकाश
मौसम के मिजाज आम जन ही नहीं बल्कि मौसम विज्ञानियों के लिए भी पहेली बन गया है। कभी माघा माह में चिलचिलाती धूप से लोगबाग परेशान हो जा रहे तो कभी बादलों की जमघट देख माथे पर सिकन पड़ जा रही है। गुरुवार को एक बार फिर मौसम ने अपना रंग बदला और देखते ही देखते आसमान में बादलों का डेरा लग गया। सुबह में हल्की धूप जरुर नजर आयी लेकिन जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया सूर्यदेव बादलों के आगोश में समाते चले गए। दोपहर बाद तो आसमान पूरी तरह बादलों की गिरफ्त में आ गया।
जागरण संवाददाता, बलिया: मौसम का मिजाज आमजन ही नहीं बल्कि मौसम विज्ञानियों के लिए भी पहेली बन गया है। कभी माघ में चिलचिलाती धूप से लोगबाग परेशान हो जा रहे तो कभी बादलों की जमघट देख माथे पर सिकन पड़ जा रही है।
गुरुवार को एक बार फिर मौसम ने अपना रंग बदला और देखते ही देखते आसमान में बादलों का डेरा लग गया। सुबह में हल्की धूप जरूर नजर आई लेकिन जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया सूर्यदेव बादलों के आगोश में समाते चले गए। दोपहर बाद तो आसमान पूरी तरह बादलों की गिरफ्त में आ गया। बादल भरे आसमान के कारण जहां ठंडक कम महसूस हो रही थी वहीं अपराह्न में हल्की बूंदाबांदी शुरू होते ही किसानों का कलेजा कांप उठा।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार ऐसे मौसम में ओलावृष्टि की आशंका बढ़ जाती है। एक सप्ताह पहले हुए बारिश व कुछ स्थानों पर हुई ओलावृष्टि से आलू, तिलहनी व दलहनी फसलों का काफी नुकसान हुआ था। एक बार पुन: मौसम का मिजाज बदलने से किसानों को ¨चता सताने लगी है। वहीं आम लोगों को फिर से ठंडक का भय सता रहा है।