रोजगारपरक योजनाओं के लिए बैंक ऋण देने को तैयार नहीं
जागरण संवाददाता, बैरिया (बलिया) : भारत सरकार की युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने की योजनाएं बैंकों की म
जागरण संवाददाता, बैरिया (बलिया) : भारत सरकार की युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने की योजनाएं बैंकों की मनमानी के कारण परवान नहीं चढ़ा पा रही है। फलस्वरूप यहां के युवा वर्ग रोजी-रोजगार के लिए पलायन को मजबूर हैं। केंद्र सरकार द्वारा लागू की गई मुद्रा योजना में युवाओं को रोजगार के लिए 50 हजार से 10 लाख रुपये तक का ऋण उपलब्ध कराने का प्रावधान है ¨कतु मुद्रा योजना में महज कुछ बैंकों द्वारा कुछ लोगों को दलालों के माध्यम से 50-50 हजार का लोन दिया गया है। इसमें 10 प्रतिशत कमीशन दलालों के माध्यम से पहले ही जमा कर लिया गया था। इसी तरह स्टार्टअप इंडिया, प्रधानमंत्री कृषि बीमा योजना, अटल पेंशन योजना व जनधन योजना भी यहां पूरी तरह से दम तोड़ चुकी है। युवाओं का कहना है कि स्टेट बैंक आफ इंडिया की सभी शाखाओं के अलावा सेंट्रल बैंक ,यूनियन बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, केनरा बैंक सहित अधिकांश बैंकों के शाखा प्रबंधकों से बात करने पर ऐसा लग रहा है कि उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इन योजनाओं से चिढ़ है। कई बैंकों के शाखा प्रबंधकों द्वारा उक्त योजनाओं को लागू किए जाने पर खुलेआम आलोचना की जा रही हैं। कुछ तो यहां तक कह देते हैं कि हमारे वरिष्ठ अधिकारियों ने मौखिक आदेश दिया है कि प्रधानमंत्री की योजनाओं पर कोई लोन नहीं करना है। नहीं तो बैंक डूब जाएगा।