रमजान की रौनक फीकी, घरों में की इबादत
बलिया वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के मद्देनजर लाकडाउन के बीच प्रतिदिन सुबह 6 बजे से दिन के 10 बजे तक बाजारों में भीड़ के बावजूद भी रमजान के पहले ही दिन बाजार की रौनक फीकी रही। एक तरफ जहां प्रतिदिन की भांति कुछ लोग बाजारों में साग-सब्जी तथा खाद्यान्न की खरीदारी को निकले। वहीं दूसरी तरफ इफ्तार व सहरी की खरीदारों के लिए भीड़ नहीं दिखी। विशुनीपुर मस्जिद स्थित खजूर की दुकान पर शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए मुस्लिम बंधुओं ने खरीदारी की। साथ ही दुकानदारों ने ग्राहकों को मास्क पहनने की नसीहत दी।
जासं, बलिया : वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के मद्देनजर लॉकडाउन के कारण शनिवार को रमजान की रौनक फीकी रही। मुस्लिम बंधुओं ने घरों में इबादत की।
सुबह 6 से दिन के 10 बजे तक लॉकडाउन में छूट के दौरान लोग बाजारों में निकले। साग-सब्जी तथा खाद्यान्न की खरीदारी की। इफ्तार व शहरी की खरीदारों के लिए भीड़ नहीं दिखी।
नगर के विशुनीपुर मस्जिद स्थित खजूर की दुकान पर शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए मुस्लिम बंधुओं ने खरीदारी की। इस दौरान दुकानदारों ने ग्राहकों को मास्क पहनने की नसीहत दी।
रसड़ा : माह-ए-रमजान के पहले रोजे के दिन बाजारों में कम ही लोग खरीदारी को निकले। खजूर व फलों की दुकानों पर मुस्लिम बंधुओं ने नियमों के तहत खरीदारी की। फलों के अलावा अन्य दुकानों पर भी खासकर मुस्लिम समाज के लोग नजर नहीं आए। लॉकडाउन के बीच प्रशासन की सख्ती भी दिखी और पुलिस लोगों से सामाजिक दूरी बनाये रखने के लिए चक्रमण करती रही
चार साल के बच्चे ने रखा पहला रोजा
सिकंदरपुर : सिकंदरपुर के मोहल्ला डोमनपुरा निवासी इम्तियाज अहमद खान का चार वर्षीय पुत्र आरिश खान ने भी 15 घंटे का रोजा रखकर लोगों को आश्चर्यचकित कर दिया। जब आरिश खान से पूछा गया कि तुम एक छोटे से बच्चे हो कैसे 15 घंटा बिना जल और अन्न के रह गए तो उसने बताया कि मेरे अब्बू-अम्मी ने बताया है कि रोजा रखने से अल्लाह खुश होता है और मांगी हुई मुराद पूरी होती है।