सचिवों की हीलाहवाली से ठप्प पड विकास कार्य
पंचायत सचिवों की हीलाहवाली से विकास कार्य अवरुद्ध पड़ा हुआ है। अधिकांश प्रधानों की शिकायत है कि समय से कोई कार्य नहीं करते जिसके कारण पंचायत के अनेक कार्य महीने से ठप पड़े हुए हैं। वैसे तो पंचायत चुनाव के समय से ही अनेक प्रकार के बाधाओं के वजह से विकास कार्य अवरुद्ध होता आ रहा है। जब चुनाव संपन्न हुआ तो लगभग डेढ़ वर्ष तक शासन स्तर से पैसा नहीं भेजा गया जिसके वजह से भी विकास कार्य नहीं हो पाया। जब पैसा आया तो शासन स्तर से शौचालय पर ध्यान था और टोटल व्यवस्था शौचालय में व्यस्त हो गई।
जासं, दोकटी (बलिया): पंचायत सचिवों की हीलाहवाली से विकास कार्य अवरुद्ध पड़ा हुआ है। अधिकांश प्रधानों की शिकायत है कि समय से कोई कार्य नहीं करते, जिसके कारण पंचायत के अनेक कार्य महीने से ठप पड़े हुए हैं। वैसे तो पंचायत चुनाव के समय से ही अनेक प्रकार के बाधाओं के वजह से विकास कार्य अवरुद्ध होता आ रहा है। जब चुनाव संपन्न हुआ तो लगभग डेढ़ वर्ष तक शासन स्तर से पैसा नहीं भेजा गया, जिसके वजह से भी विकास कार्य नहीं हो पाया। जब पैसा आया तो शासन स्तर से शौचालय पर ध्यान था और टोटल व्यवस्था शौचालय में व्यस्त हो गई।
उसके बाद सचिवों का स्थानांतरण कर दिया गया। इस वजह से भी विकास कार्य ठप रहा। जब सचिवों की नई तैनाती हुई तो कुछ पंचायतों में प्रिया साफ्टवेयर लोड न होने के कारण पंचायतों का खाता बंद रहा। जब किसी प्रकार पंचायतों का खाता खुला तो कुछ सचिवों की हीलाहवाली से अधिकांश पंचायतों का कार्य आधा-अधूरा पड़ा हुआ है। यह बात समझ से परे हो गई है कि आखिर कैसे कार्य संपादित हो, जिससे पंचायतों के अधूरे पड़े कार्यों को पूरा हो सके।