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आलू की प्रजाति सूर्या की खेती लाभदायक

By Edited By: Published: Tue, 23 Oct 2012 07:48 PM (IST)Updated: Tue, 23 Oct 2012 07:49 PM (IST)

सिकंदरपुर (बलिया) : आलू की प्रजातियों में कुकरी बादशाह, सूर्या, पुष्कर पुखराज, सतलुज आदि की खेती किसानों के लिए काफी फायदेमंद है। इसके पीछे वजह यह कि ये प्रजातियां झुलसा रोधी हैं। कुकरी व सूर्या तापक्रम सहने वाली उत्तम किस्म है जो किसानों के लिए वरदान साबित हो सकती हैं।

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आलू की खेती के बारे में मंगलवार को 'जागरण' से वार्ता के दौरान कृषि विशेषज्ञ एसएन सिंह ने बताया कि इसकी काश्त के लिए हल्की दोमट मिट्टी आवश्यक है। खेत की भली भांति जोताई कर मिट्टी को भुरभुरा करने के बाद 45 सेंटीमीटर की दूरी पर कतार में आलू का बीज डालना चाहिए जबकि आवश्यकतानुसार फसल की तीन सिंचाई आवश्यक है। उन्होंने बताया कि आलू की पैदावार प्रति हेक्टेयर औसतन 170 कुंतल होती है। पौष्टिकता के बारे में बताया कि आलू में 14 प्रतिशत स्टार्च, 6 प्रतिशत रेशा, दो-दो प्रतिशत प्रोटीन व कार्बोहाईड्रेट, एक-एक प्रतिशत वसा व खनिज लवण के साथ ही विटामिन बी व सी तथा आक्सीडेंट पाए जाते हैं।

इसी क्रम में कृषि रक्षा पर्यवेक्षक श्यामबदन शर्मा ने बताया कि आलू में अगैती और पिछैती झुलसा रोग का प्रकोप होता है। रोग से बचाव हेतु दो किलोग्राम मैंकोजेड प्रति किलोग्राम 800 लीटर पानी में घोल कर प्रति हेक्टेयर पहले ही छिड़काव कर दिया जाना लाभदायक है। श्री शर्मा के अनुसार सब्जियों के राजा आलू की खेती किसानों के आर्थिक उन्नयन में काफी सहायक है। यह एक ऐसी सब्जी है जिसकी भारत सहित विश्व के 150 मुल्कों में खेती की जाती है।

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