80 फीसद ग्रामीण इलाकों की विद्युत आपूर्ति ठप, पेयजल संकट गहराया
जागरण संवाददाता बलिया हवा का तेज झोंका हो या बारिश का मौसम हो जाए तो बलिया की बिजली यह सब नहीं सह पाती। घर-घर की बत्ती गुल हो जाती है और लोग पानी तक को परेशान हो उठते हैं। जिले में दो दिन की बारिश में गांव से लेकर शहर तक यही दशा है। बिजली विभाग तमाम तरह की व्यवस्था करने का दावा भले ही करता है लेकिन अभी तक जिले में ऐसे इंतजाम नहीं किए गए है कि खराब मौसम में भी गांव से शहर तक की बिजली ठीक रह सके।
जागरण संवाददाता, बलिया : महज दो दिनों की बारिश से जनपद के 80 फीसदी ग्रामीण इलाकों की विद्युत आपूर्ति चरमरा गई है। इससे पेयजल संकट भी गहरा गया है। हवा का तेज झोंका हो या बारिश का मौसम, बलिया की बिजली यह सब नहीं सह पाती। घर-घर की बत्ती गुल हो जाती है और लोग पानी तक को परेशान हो उठते हैं। दो दिन की बारिश में गांव से लेकर शहर तक यही दशा है। बिजली विभाग तमाम तरह की व्यवस्था करने का दावा भले ही करता है लेकिन अभी तक जिले में ऐसे इंतजाम नहीं किए गए है कि खराब मौसम में भी गांव से शहर तक की बिजली ठीक रह सके।
इस जिले के प्रभारी स्वयं उर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा हैं, इसके बावजूद भी बिजली का बेपटरी रहना लोगों को काफी खल रहा है। हर तहसील क्षेत्रों में भी बिजली के लिए हाहाकार मचा है। शहर के मोहल्लों में भी वही हाल है। इसके बावजूद विभाग तत्काल सबकुछ ठीक करने में पूरी तरह विफल है, जबकि प्रधानमंत्री सौभाग्य योजना के तहत बिजली को ठीक करने की जिम्मेदारी विभाग की थी। ज्यादा समस्या पेड़ों के टहनियों से गुजरते तारों के चलते उत्पन्न हुई है। बारिश के बीच तेज हवा के कारण पेड़ों की टहनियां टूट कर नीचे गिरते वक्त तारों को भी तोड़ दी हैं। विभाग को पहले से पता था कि कहां-कहां बिजली के तार पेड़ों के बीच से गुजर रहे हैं, इसके बावजूद भी समय रहते उसकी छंटनी नहीं कराई गई।
बिजली को लेकर सड़क जाम
बिजली व्यवस्था ठप होने से परेशान नगर के लोगों ने एससी कालेज के बाद सड़क को भी जाम किया। सभी का कहना था कि विभाग बिजली को पूरे गर्मी ठीक नहीं रख पाया। शहर के हर मोहल्ले में हर 10 मिनट पर बिजली ट्रिप करती है। इधर बरसात शुरू होते ही पूरी व्यवस्था की पोल ही खुल गई है। मोहल्लों में बिजली के कारण लोग पानी के लिए भी तरस रहे हैं। वहीं विभाग समय रहते कुछ भी नहीं ठीक कर पा रहा है। सूरज तिवारी के नेतृत्व में जाम करने वाले युवाओं ने कहा कि विभागीय अधिकारी नगर की बिजली समस्या पर बिल्कुल ही गंभीर नहीं है। सूचना पर पहुंचे नगर कोतवाल ने अधिशासी अभियंता से बात कराया जिसके बाद युवा जाम हटाए।
विभाग की लापरवाही से उपभोक्ता परेशान
सिकंदरपुर : पांच दिन से हो रही लगातार बारिश से नगर पंचायत सहित ग्रामीण क्षेत्रों की विद्युत आपूर्ति बेपटरी हो चुकी है। बिजली के पोल टूटने, पेड़ और पेड़ों की डालियां गिरने और तार टूटने के कारण सिकन्दरपुर, खेजुरी, मालदह, कडसर उपकेंद्रों की विद्युत आपूर्ति बाधित हो गई है। खेजुरी उपकेंद्र से जुड़े गांवों में बहेरी में एचटी तार गुरुवार से ही गिरा पड़ा है। नगर पंचायत सिकन्दरपुर के सभी वार्डों में पिछले चार दिनों से आपूर्ति प्रभावित है। 48 घंटे से अंधेरा
रेवती : नगर क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश के चलते गत बुधवार की सायं से पूरे 48 घंटे से विद्युत आपूर्ति ठप रहने से पेयजल के लिए लोगों मे हाहाकार मचा हुआ है। लोगों के टुल्लु पंम्प, कुटीर उद्योग धंधे आदि ठप पड़े हैं। इससे लोगों में काफी आक्रोश है। छह दिनों से विद्युत आपूर्ति ठप
बैरिया : यूं तो क्षेत्र की विद्युत व्यवस्था काफी दिनों से बेपटरी थी, रही कोर-कसर बरसात व तेज हवा मे पूरा कर दिया है। फलस्वरूप विगत छह दिनों से बिजली व्यवस्था अस्त-व्यस्त हो गई है। जिससे विद्युत उपकेंद्र ठेकहां, जयप्रकाशनगर, बैरिया नवीन व बैरिया देहात, रेवती, सोनवानी से संबद्ध सैकड़ों गांव अंधेरे में डूबे हैं। लगातार बारिश के बाद बिजली के तार टूटकर जमीन पर लटक गए हैं। हालांकि बिजली व्यवस्था ठीक करने के लिए विभागीय कर्मी लगे हुए हैं। लेकिन व्यवस्था अभी पटरी पर नहीं आई है। पांच दिनों से विद्युत आपूर्ति ठप
पूर : पांच दिन से करीब 50 गांवों में विद्युत आपूर्ति ठप थी तब तक बुधवार से शुरू बारिश ने स्थिति को और भी भयावह बना दिया। अब बिजली कब तक ठीक होगी कुछ भी नहीं कहा जा सकता। विद्युत उपकेंद्र रातसर से पुर, पकड़ी, पहराजपुर, मिसरौली, अक्छी, जलालपुर, खवाशपुर, सरया सहित और भी बहुत ऐसे गांव है जहां विगत पांच दिनों से विद्युत आपूर्ति ठप है। ध्रुव जी सेवा संस्थान के सचिव भानु प्रकाश सिंह ने पुर फीडर के साथ हो रहे सौतेले व्यवहार से तंग आकर एमडी को पत्र देकर इस बात की शिकायत की है। उन्होंने मांग किया है कि क्षेत्र को शासन के रोस्टर के अनुसार बिजली दी जाए। यदि ऐसा नहीं किया गया तो क्षेत्रीय लोग आंदोलन को भी बाध्य होंगे।