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स्वरोजगार से जुड़ेंगे पूर्वांचल के 5800 युवा, सरकार ने मांगे आवेदन, जाने पूरी प्रक्रिया

सिर्फ बलिया में एक साल में 1250 लोग हुए हुनरमंद दिया टूलकिट कर रहे अपना कार्य। सात ट्रेडों से किए जाएंगे पारंगत उद्यमिता विकास संस्थान लखनऊ ने मांगा है आवेदन। प्रदेश में 45 हजार गरीब लोगों को मिलेगा अपना लघु उद्यम शुरू करने का सुनहरा मौका है।

By Sangram SinghEdited By: Abhishek sharmaPublished: Sun, 02 Oct 2022 09:42 AM (IST)Updated: Sun, 02 Oct 2022 09:42 AM (IST)
स्वरोजगार से जुड़ेंगे पूर्वांचल के 5800 युवा, सरकार ने मांगे आवेदन, जाने पूरी प्रक्रिया
युवाओं को स्‍वरोजगार से जोड़ने की तैयारी चल रही है।

जागरण संवाददाता, बलिया । प्रदेश सरकार हर युवा को हुनरमंद बनाना चाह रही है ताकि वह खुद का कारोबार शुरू करें। अपनी दुकान से घर-गृहस्थी को बेहतर बना सकें। इस साल पूर्वांचल के 10 जिलों में 5800 युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने की तैयारी है। विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना से सात ट्रेड का प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रदेश में 45 हजार गरीब लोगों को अपना लघु उद्यम शुरू करने का मौका दिया जाएगा।

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जिलों में पहले फेज का प्रशिक्षण हो चुका है, अब दूसरे फेज का लक्ष्य आवंटित किया गया है। इसमें बलिया, गाजीपुर व बनारस के सर्वाधिक युवा लाभान्वित होंगे। 18 से 45 वर्ष के लोगोें को अलग-अलग विधा में पारंगत किया जाएगा, इसके लिए प्रत्येक लाभार्थी को 1500 रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। टूलकिट भी दिया जाएगा। उद्यमिता विकास संस्थान लखनऊ जिले में अक्टूबर से सात दिवसीय प्रशिक्षण देगा।

गरीब वर्ग के लोगों को दर्जी, नाई, बढ़ई, लोहार, कुम्हार, राजमिस्त्री और हलवाई की ट्रेनिंग दी जाएगी। बलिया समेत 10 जिलों में करीब 87 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। सिर्फ बलिया में एक साल के अंदर 1250 लोगों को निश्शुल्क टूलकिट दिया जा चुका है, इसमें 325 लोगों को पहले फेज में ट्रेनिंग दी गई थी।

शुरू किया हैंड पर्स बनाना, पांच हजार तक कारोबार

शहर के टैगोरनगर की रीशु श्रीवास्तव और बहादुरपुर की शारदा शर्मा आशा स्वयं सहायता समूह की सदस्य हैं। बताया कि उन्होंने विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना से 2019 में सिलाई का प्रशिक्षण लिया है, इन्हें सिलाई मशीन और टूलकिट मिला था। उससे इन्होंने कपड़े का हैंडपर्स बनाना शुरू किया। अपने साथ 10 और महिलाओं को जोड़ लिया। अब दोनों सदस्यों को पांच-पांच हजार रुपये की बचत हो जाती है। अब वह पर्स और कपड़े की सिलाई का आर्डर लेती हैं।

इन्हें मिलेगा योजना का लाभ : आवेदक प्रदेश का निवासी हो। शैक्षिक योग्यता अनिवार्य नहीं। आवेदक या उसके परिवार का कोई भी सदस्य केवल एक बार ही योजना के लिए आवेदन करने के लिए पात्र होगा। पात्रता को जाति एक मात्र आधार नहीं होगा। ऐसे व्यक्ति भी पात्र होंगे, जो परंपरागत कारीगरी करने वाली जाति से अलग हों। ऐसे आवेदकों को परंपरागत कारीगरी से जुड़े होने का प्रमाण देना होगा, इसके लिए ग्राम प्रधान या अध्यक्ष नगर निकाय द्वारा निर्गत प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।

बोले अधिकारी 

दूसरे फेज का लक्ष्य आवंटित हो चुका है। जल्द ही प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। महिलाओं व पुरुषों से आवेदन मांगे गए हैं। - अशाेक कुमार, अपर सांख्यिकी अधिकारी, उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन विभाग।


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