20,806 जाबकार्ड धारक सक्रिय, सिर्फ 72 को सौ दिन रोजगार
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जागरण संवाददाता, नगरा (बलिया) : अकुशल श्रमिकों को गांव स्तर पर रोजगार मुहैया कराने के लिए संचालित महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना यानी मनरेगा विकास खंड में उद्देश्यों से भटक गई है। इसके तहत जाब कार्ड धारकों को सौ दिन का रोजगार मुहैया कराने का प्रविधान है कितु यहां की ग्राम पंचायतें फिसड्डी साबित हो रही हैं। यहां जाबकार्ड धारकों की संख्या 47 हजार है। इनमें एक्टिव धारक 20,806 हैं। इनमें केवल 72 जाबकार्ड धारकों को ही सौ दिन का रोजगार मिल सका है। मनरेगा के तहत कार्य करने वाले श्रमिक को प्रतिदिन 201 रुपये के हिसाब से मजदूरी मिलती है। 94 ग्राम पंचायतों में से केवल 14 ग्राम पंचायतें ही 72 श्रमिकों को रोजगार दे सकीं हैं।
जिन ग्राम पंचायतों ने सौ दिन का रोजगार दिया है उनमें आरीपुरसरयां, कमरौली, इंदासों, डंडारी लखुसराय, औराईखुर्द, पालचंद्रहां, ककरी, करौंदी, राजारामपट्टी तासपुर व बरौली हैं। 80 ग्राम पंचायतें रोजगार देने में रुचि नहीं दिखा सकीं हैं। श्रमिक रोजगार के लिए ब्लाक का चक्कर काट रहे हैं। 92 ग्राम पंचायतों में मनरेगा का कार्य चल रहा है। इनमें अधिकांश पीएम आवास, पोखरे की खोदाई, चकबंद व नाले के निर्माण कार्य चल रह हैं।
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तकनीकी कारणों से आई बाधा
: एपीओ मनरेगा
एपीओ मनरेगा अमित कुमार सिंह ने बताया कि तकनीकी कारणों से 80 ग्राम पंचायतों में जाबकार्ड धारकों को सौ दिन का रोजगार नहीं मिल सका है। अप्रैल तक सभी श्रमिकों को रोजगार मुहैया करा दिया जाएगा। जिन श्रमिकों को रोजगार मिल चुका है वे श्रम विभाग में पंजीकरण करा सकते हैं। उन्हें प्राथमिकता के आधार पर अन्य सुविधाएं दी जाएंगी।