जब अटल जी के लिए लाल किले की तरह सजा था मंच, जिसे वे कभी नहीं भूले; इसके बाद ही केंद्र में बनी थी BJP की सरकार
दिल्ली से बहराइच जिले के चुनावी समर का पुराना नाता रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री पं. अटल बिहारी वाजपेयी यहां दो बार प्रचार में आ चुके थे। जनवरी 1996 में लोकसभा चुनाव को लेकर सिविल लाइन स्थित महराज सिंह इंटर कालेज में अटलजी ने जनसभा की। भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में जब वे मंच पर खड़े हुए तो वहीं से उन्हें लालकिले की प्राचीर दिखने लगी।
जागरण संवाददाता, बहराइच। दिल्ली से बहराइच जिले के चुनावी समर का पुराना नाता रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री पं. अटल बिहारी वाजपेयी यहां दो बार प्रचार में आ चुके थे। जनवरी 1996 में लोकसभा चुनाव को लेकर सिविल लाइन स्थित महराज सिंह इंटर कालेज में अटलजी ने जनसभा की।
भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में जब वे मंच पर खड़े हुए तो वहीं से उन्हें लालकिले की प्राचीर दिखने लगी। तत्कालीन जिलाध्यक्ष व पयागपुर विधायक सुभाष त्रिपाठी बताते हैं कि मंच को लाल किले की तरह सजाया गया था। यहां से उन्होंने जनता को संबोधित किया।
'जनसभा के मंच की चर्चा जरूर होती'
इसी के बाद भाजपा की केंद्र में सरकार बनी थी और अटलजी ने प्रधानमंत्री के पद की शपथ ली थी। यह बात वह कभी नहीं भूले। जब भी मिलते तो जनसभा के मंच की चर्चा जरूर होती। वह बताते हैं कि वर्ष 1998 के चुनाव में भी अटलजी ने जनसभा की। वह अपने गोंडा निवासी घनश्याम शुक्ल के लिए कैसरगंज लोकसभा चुनाव में प्रचार करने आए थे।