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UP Madarsa Board: 800 से अधिक मदरसों पर मंडरा रहा संकट, बिना मान्यता चल रहे मदरसों पर लटक सकता है ताला

नेपाल सीमा से सटे जिले में आठ सौ से अधिक मदरसों के संचालन पर संकट के बादल मंडरा गए हैं। शासन की कार्रवाई की जद में बिना मान्यता चल रहे मदरसों के आने के बाद अब हाईकोर्ट के मदरसा बोर्ड को असंवैधानिक करार देने से अल्पसंख्यक विभाग के अधीन चल रहे मदरसों के संचालन पर संकट उठ खड़ा हुुआ है।

By Prabhanjan kumar Shukla Edited By: Aysha Sheikh Published: Sat, 23 Mar 2024 04:36 PM (IST)Updated: Sat, 23 Mar 2024 04:36 PM (IST)
800 से अधिक मदरसों पर मंडरा रहा संकट, बिना मान्यता चल रहे मदरसों पर लटक सकता है ताला

प्रभंजन शुक्ल, बहराइच। नेपाल सीमा से सटे जिले में आठ सौ से अधिक मदरसों के संचालन पर संकट के बादल मंडरा गए हैं। शासन की कार्रवाई की जद में बिना मान्यता चल रहे मदरसों के आने के बाद अब हाईकोर्ट के मदरसा बोर्ड को असंवैधानिक करार देने से अल्पसंख्यक विभाग के अधीन चल रहे मदरसों के संचालन पर संकट उठ खड़ा हुुआ है।

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अल्पसंख्यक विभाग के पास मान्यता प्राप्त 290 और सहायता प्राप्त 11 मदरसों का ब्यौरा था। सितंबर माह में शासन के निर्देश पर गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सत्यापन किया गया। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी संजय मिश्र की अगुआई में सदर तहसील क्षेत्र में सत्यापन हुआ, जबकि कैसरगंज, महसी, पयागपुर, नानपारा और मिहींपुरवा में एसडीएम के नेतृत्व में टीमों ने मदरसों का सत्यापन किया।

यहां 491 गैर मान्यता प्राप्त मदरसे संचालित होते मिले थे। सरकार मामले की जांच एसआईटी से करा रही थी। जांच रिपोर्ट में इन मदरसों को बंद किए जाने की संस्तुति कर दी गई थी। इसी बीच शुक्रवार को उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने मदरसा बोर्ड को असंवैधानिक करार दे दिया है। इससे मान्यता प्राप्त और गैर मान्यता के साथ सहायता प्राप्त 11 अन्य मदरसों के संचालन पर संकट आ गया है।

मान्यता प्राप्त मदरसों में 22 हजार से अधिक छात्र

गैर सरकारी आंकड़ों के अनुसार मान्यता प्राप्त मदरसों में 22 हजार से अधिक छात्र हैं। वर्ष 2004 के सहायता प्राप्त 11 मदरसों में ढाई सौ शिक्षक भी कार्यरत हैं। मान्यता प्राप्त मदरसों में डेढ़ हजार शिक्षक कार्यरत हैं।

हाईकोर्ट ने मदरसा बोर्ड को लेकर कुछ आदेश जारी किया है। अभी आदेश की प्रति या अल्पसंख्यक निदेशालय का कोई पत्र नहीं मिला है। पूरे मामले में उच्चाधिकारियों के निर्देश पर निर्णय लिया जाएगा। - संजय मिश्र, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी

दीनी तालीम का हक छीनना गलत

उच्च न्यायालय ने मदरसा बोर्ड को असंवैधानिक करार दिया है। इसके बाद पहले से चल रहे मदरसों को बंद किए जाने का निर्णय पूरी तरह से दीनी तालीम देने के हक को छीनना है। इसके लिए कानूनी लड़ाई जारी रखी जाए। सर्वोच्च न्यायालय से इंसाफ जरूर मिलेगा। - यासर शाह, पूर्व मंत्री एवं सपा नेता 


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