बोर्ड परीक्षा के मानकों पर खरे नहीं उतर रहे कई कॉलेज
इलाहाबाद यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटर मीडियट बोर्ड परीक्षा के लिए परीक्षा केंद्रों के निर्धारण की प्रक्रिया अंतिम दौर में चल रही है। अब तक 250 कॉलेजों की जांच पूरी हो चुकी है। अन्य की जांच के लिए जिलास्तरीय टीम को 15 अक्टूबर तक रिपोर्ट डीआइओएस को उपलब्ध कराना है। 70 फीसद कॉलेज बोर्ड के मानकों को पूरा नहीं कर रहे हैं। ऐसे में परीक्षा केंद्र से वंचित होना तय माना जा रहा है। हालाकि इनका डाटा परीक्षा परिषद के पोर्टल पर अपलोड कर दिया गया है। जिले में 297 माध्यमिक विद्यालय संचालित हो रहे हैं जो यूपी बोर्ड की ओर से मान्यता प्राप्
संसू, बहराइच : इलाहाबाद यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटर मीडिएट बोर्ड परीक्षा के लिए परीक्षा केंद्रों के निर्धारण की प्रक्रिया अंतिम दौर में चल रही है। अब तक 250 कॉलेजों की जांच पूरी हो चुकी है। अन्य की जांच के लिए जिलास्तरीय टीम को 15 अक्टूबर तक रिपोर्ट डीआइओएस को उपलब्ध कराना है। 70 फीसद कॉलेज बोर्ड के मानकों को पूरा नहीं कर रहे हैं। ऐसे में परीक्षा केंद्र से वंचित होना तय माना जा रहा है। हालाकि इनका डाटा परीक्षा परिषद के पोर्टल पर अपलोड कर दिया गया है।
जिले में 297 माध्यमिक विद्यालय संचालित हो रहे हैं, जो यूपी बोर्ड की ओर से मान्यता प्राप्त हैं। इन कॉलेजों की ओर से बोर्ड परीक्षा केंद्र बनाने के लिए आवेदन किए गए हैं। जिला विद्यालय निरीक्षक की ओर से गठित जिला स्तरीय टीम के साथ ही संबंधित तहसीलों के उप जिलाधिकारियों की ओर से भी कॉलेजों में परीक्षा परिषद के तय मानकों की जांच की जा रही है। पिछले साल 88 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। इस बार 10 परीक्षा केंद्र कम बनाए जाएंगे। बोर्ड ने केंद्र निर्धारण प्रक्रिया में कई बदलाव किए हैं। इस बार कक्ष में दो-दो सीसी कैमरे के साथ वाइस रिकार्डर व अन्य उपकरण भी लगाने का आदेश दिया गया है। अब तक 250 केंद्रों की जांच में 70 फीसद केंद्रों में सीसी कैमरे पर्याप्त नहीं मिले हैं। कई में मूलभूत सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं पाई गई हैं। डीआइओएस राजेंद्र पांडेय ने बताया कि प्रधानाचार्य जीआइसी के नेतृत्व में टीम मानकों की जांच कर रही है। जांच रिपोर्ट पोर्टल पर अपलोड किया जा रहा है। परीक्षा परिषद की ओर से ही केंद्र निर्धारित किए जाएंगे। न्यूनतम 300 बच्चों का मानक एक केंद्र पर कम से कम 300 बच्चों के बैठने की व्यवस्था होनी चाहिए। शौचालय, पानी की मुकम्मल व्यवस्था। चारों ओर बाउंड्रीवाल समेत सुरक्षा के पर्याप्त संसाधन भी उपलब्ध होने चाहिए।