कहीं लोगों की सेहत न बिगाड़ दे मिलावटी चायपत्ती !
नेपाल के सीमावर्ती कस्बों में धड़ल्ले से चल रहा कारोबार ब्रांडेड चायपत्ती की तुलना में बहुत
नेपाल के सीमावर्ती कस्बों में धड़ल्ले से चल रहा कारोबार ब्रांडेड चायपत्ती की तुलना में बहुत कम कीमत में मिलती है यह चायपत्ती जासं, बहराइच : सुबह गरम चाय का चस्का तो हर किसी को बड़ा ही अच्छा लगता है, लेकिन अगर इसमें मिलावट हो तो यह सेहत बिगाड़ने में भी कसर नहीं छोड़ती। नेपाल के सीमावर्ती कस्बों में मिलावटी चायपत्ती की बिक्री धड़ल्ले से की जा रही है। कम कीमत में मिलने के कारण होटलों व ढाबों पर इसका उपयोग भी खूब किया जा रहा है।इस पर रोकथाम के लिए जिम्मेदार महज औपचारिकता निभा रहे हैं।
नेपाल सीमा से सटे कस्बों रूपईडीहा, बाबागंज, मिहींपुरवा, नानपारा समेत अन्य कस्बों में मिलावटी चायपत्ती बेचने का रैकेट तेजी से सक्रिय हो रहा है। यह व्यापारी कानपुर से खुली चायपत्ती लाते हैं और इसमें केमिकल व रंग मिला देते हैं। आमतौर पर बाजारों में बिकने वाली चायपत्ती की तुलना में इसका भाव काफी कम रहता है। जिसके चलते दुकानदारों के लिए अधिक मुनाफा कमाने का यह बहुत ही अच्छा जरिया बन चुका है। 70 से 80 रुपये प्रति किलो बिकती है चायपत्ती मिलावटी चायपत्ती बाजारों में 70 से 80 रुपये प्रति किलोग्राम के थोक भाव पर होटलों, ढाबों व अन्य दुकानदारों को उपलब्ध हो जाती है। यह चायपत्ती बाजारों में बिकने वाली ब्रांडेड चायपत्ती के रेट की तुलना में तीन से चार गुना कम कीमत पर मिल जाती है। जिसके चलते यह चायपत्ती दुकानदारों की पहली पसंद बन चुकी है। मिलावटी चायपत्ती में रंग पड़ा होने के कारण इसकी खपत भी कम होती है। सेहत के लिए है हानिकारक मटेरा पीएचसी के चिकित्साधिकारी डॉ. एके श्रीवास्तव कहते हैं कि मिलावटी चायपत्ती सेहत के लिए काफी हानिकारक है। यह लीवर व हार्ट में संक्रमण फैलाकर अनेक बीमारी का कारण बन सकता है। पैकेट को भी अच्छी तरह से देख कर ही खरीदारी करें। पकड़ा गया था रैकेट जिला अभिहीत अधिकारी कौशलेंद्र शर्मा ने बताया कि सीमावर्ती कस्बों में मिलावटी चायपत्ती के बिक्री की सूचना मिली है। जल्द ही छापामारी कर नमूने एकत्र किए जाएंगे। इसकी बिक्री करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि पिछले दिनों छापामारी के दौरान मिलावटी चायपत्ती मिली थी। उसे जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा गया था।