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Indo-Nepal Tension: तल्खी में भी भारत से नेपाल को हर माह छह करोड़ राजस्व का फायदा

नेपालियों के रुपईडीहा समेत बार्डर से सटे भारतीय कारोबारियों को पाबंदी से हो रहा करोड़ों का नुकसान।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Wed, 05 Aug 2020 04:22 PM (IST)Updated: Wed, 05 Aug 2020 04:22 PM (IST)
Indo-Nepal Tension: तल्खी में भी भारत से नेपाल को हर माह छह करोड़ राजस्व का फायदा
Indo-Nepal Tension: तल्खी में भी भारत से नेपाल को हर माह छह करोड़ राजस्व का फायदा

बहराइच, जेएनएन।  वैश्विक महामारी व रिश्तों में तल्खी के बीच भारत पहले की तरह नेपाल को जरूरी सामान निर्यात कर रहा है। इससे हर माह नेपाल को छह करोड़ रुपये के राजस्व का फायदा मिल रहा है। इसके सापेक्ष नेपाली नागरिकों के भारत में प्रवेश पर पाबंदी से रुपईडीहा समेत बार्डर से सटे भारतीय बाजार के कारोबारियों को करोड़ों का नुकसान हो रहा है। दोहरी नीति को लेकर व्यापारी आक्रोशित हैं। 

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 बताते चलें कि 22 मार्च से भारत-नेपाल सीमा से सटा रुपईडीहा बार्डर पूरी तरह से बंद है। सीमा से सटे नेपाल के 10 जिलों के नागरिक दैनिक उपभोग की वस्तुओं को खरीदने के लिए भारत का रुख करते थे, लेकिन चार माह से उनका आवागमन नेपाल ने रोक रखा है, जिसके चलते भारतीय कारोबारियों की आर्थिक रीढ़ टूट गई है। उन्हें हर माह डेढ़ से दो करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है। वहीं भारत की ओर से पूर्व की तरह सभी प्रकार के खाद्य पदार्थ डीजल, पेट्रोल समेत अन्य सामान नेपाल निर्यात किया जा रहा है। जनवरी व फरवरी माह में नेपाल के बांके कस्टम को दो करोड़ के राजस्व का फायदा हुआ, जबकि अप्रैल, मई, जून व जुलाई में यह मुनाफा बढ़कर छह करोड़ हो गया है। व्यापार मंडल रुपईडीहा के अध्यक्ष विजय कुमार मित्तल बताते हैं कि सीमा से सटे भारतीय बाजार बंद पड़े हैं। इस पर सरकार को तत्काल निर्णय लेने की जरूरत है, नहीं तो कारोबारी आर्थिक रूप से पंगु हो जाएंगे। 

अंतरराज्यीय बस सेवा पर भी लगा ग्रहण 

इसके अलावा रुपईडीहा विभिन्न प्रांतों के लिए रोडवेज बसों का संचालन किया जा रहा था। इन प्रांतों को जाने वाले यात्रियों में 90 फीसद नेपाली नागरिक सफर करते थे। आवागमन ठप होने से रोडवेज को भी हर माह लाखों रुपये की चपत लग रही है।


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