मेरा गांव, मेरा गौरव - फोटो : यहां घर-घर सरस्वती के पुजारी, जला रहे शिक्षा की लौ
बहराइच : शिक्षक को राष्ट्र का प्रथम शिल्पी कहा जाता है। जिस गांव में एक सैकड़ा के करीब म
बहराइच : शिक्षक को राष्ट्र का प्रथम शिल्पी कहा जाता है। जिस गांव में एक सैकड़ा के करीब मां सरस्वती के पुजारी शिक्षा की लौ जला रहे हों, उसके लिए यह गौरव की बात है। महसी तहसील का सिकंदरपुर गांव उनमें से एक है। जहां औसतन प्रत्येक घर में एक सदस्य ने शिक्षक बनकर शिक्षा की अलख जगाने में अपना अहम योगदान दिया है। तकरीबन 50 सेवानिवृत्त शिक्षक हैं। 50 से अधिक वर्तमान में भी अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इस गांव को राष्ट्र शिल्पी के गढ़ के रूप में माना जाता है।
इन पर है नाज : गांव में एक ही परिवार के आशीष शुक्ल व शिवाजी शुक्ल भारतीय पुलिस सेवा में एएसपी के रूप में विभिन्न जिलों अपनी सेवाएं दे रहे हैं। छोटे भाई जयकृष्ण शुक्ल अल्पबचत अधिकारी हैं। अतुल त्रिपाठी बीएसएफ के अधिकारी व उनके भाई रविकांत त्रिपाठी दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं। गांव के नरेंद्र शुक्ल अभी हाल में ही बीएसएफ में भर्ती हुए हैं, जबकि विशाल शुक्ल सेना में गांव का गौरव बढ़ा रहे हैं। सेवानिवृत्त होने के बाद भी शिक्षक यज्ञ नारायण शुक्ल, रमेशचंद्र अवस्थी, जगवंदन दीक्षित, काशी राम रस्तोगी सामाजिक सरोकारों में बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। यह है खूबी : गांव में प्रवेश करते ही सबसे पहले रंग रोगन से युक्त आकर्षक प्रवेश द्वार है। गांव के उत्तर दूर-दूर तक फैला चंदहा तालाब मनोहारी छटा बिखेर रहा है। गांव के तकरीबन 70 प्रतिशत मकान पक्के हैं। लगभग सभी घरों के सामने गौसेवा की पौराणिक मान्यता व ग्रामीण परंपरा से जुड़ाव प्रदर्शित करती हैं। गांव के बाहर बना मनभावन मंदिर आस्था व श्रद्धा का केंद्र है। आधारभूत ढांचा : आठ मजरों वाले इस गांव की आबादी तकरीबन आठ हजार है। इसमें 5000 वोटर हैं। पीएचसी, डाकखाना, घरेलू गैस एजेंसी, एक इंटर कॉलेज, पांच प्राथमिक विद्यालय, दो उच्च प्राथमिक विद्यालय, पंचायत भवन व बैंक उपभोक्ता सेवा केंद्र उपलब्ध है। गन्ना व मेंथा की खेती यहां के लोगों की आय का मुख्य श्रोत है।
मुख्य समस्याएं : शुद्ध पेयजल के लिए पानी टंकी का निर्माण नहीं है। पशु चिकित्सालय नहीं है। गांव से महराजगंज पांच किमी मार्ग पूरी तरह जर्जर हो चुका है। गांव को एक बैंक शाखा की दरकार है। इनसेट
चित्र परिचय - 10बीआरएच 16 ग्राम प्रधान प्रतिनिधि विजय कुमार शुक्ला, 17 पूर्व प्रधान मायाराम त्रिवेदी बदले ²ष्टिकोण तो हो विकास ग्राम प्रधान प्रतिनिधि विजय कुमार शुक्ल कहते हैं कि गांव में इंटरला¨कग का कार्य कराया गया है। गांव के विकास के लिए कार्ययोजना बनाई गई है। विकास के हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। पूर्व ग्राम प्रधान मायाराम त्रिवेदी बताते हैं कि सिकंदरपुर सड़क मार्ग से जुड़ा होने के कारण सिकंदरपुर गांव में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। यह गांव एक कस्बे के रूप में विकसित हो सकता है।