सरकार की छवि खराब कर रही चिकित्साकर्मियों की बेरुखी
अधिवक्ता से लेकर भाजपा नेता तक कर चुके हंगामा व प्रदर्शन स्टाफ नर्सों व चिकित्सकों की बेपरवाही से मरीजों की जान आफत में
बहराइच : राजकीय मेडिकल कालेज में इलाज के नाम पर मरीजों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है। तैनात चिकित्साकर्मियों की लापरवाही मरीजों पर जिदगी पर भारी पड़ रही है। बेहतर उपचार की आस लेकर आने वाले मरीजों को अस्पताल में सिर्फ झिड़कियां मिलती हैं। विरोध करने पर तीमारदारों से अभद्रता की जाती है। सरकार से मिलने वाला मुफ्त इलाज कागजों में कैद होकर रह गया है।
केस एक : 26 सितंबर को भाजपा के जिला कोषाध्यक्ष राजन सिंह ने अपने 65 वर्षीय रिश्तेदार रामसंवारे को तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल लेकर आए। आरोप है कि रात भर वे इलाज के लिए परेशान रहे। देर रात उन्होंने कई बार सीएमएस डा. ओपी पांडेय के सीयूजी व निजी नंबर पर काल किया, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया। घंटों बीतने के बाद भी फिजीशियन नहीं आया। इलाज के अभाव में उनकी मौत हो गई।
केस दो : 24 सितंबर को फखरपुर के हैबतपुर निवासी रिकू की पत्नी रेशमी को मेडिकल कालेज लेकर आए थे। चार घंटे तक प्रसूता फर्श पर पड़ी रही, लेकिन इलाज नहीं हुआ। परिवारजन चिकित्साकर्मियों से मनुहार करते रहे, लेकिन मौके पर मौजूद स्टाफ नर्स इलाज की जगह अभद्रता करती रही। मरीज की हालत चिताजनक देख परिवारजन मरीज को निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया।
केस तीन : 13 सितंबर को कोतवाली देहात के बेड़नापुर निवासी अधिवक्ता पंकज मिश्र की पत्नी बबिता को प्रसव पीड़ा होने पर देर रात पत्नी को लेकर मैटरनिटी विग पहुंचे। मौके पर मौजूद स्टाफ नर्स ने हालत गंभीर होने के बावजूद स्टाफ नर्स लापरवाही व अभद्रता करती रही। इससे नाराज अधिवक्ता व उनके साथ मौजूद अन्य लोगों ने विरोध कर हंगामा किया।
कोट
-बहराइच मेडिकल कालेज से संबद्ध जिला अस्पताल में लगातार इलाज में लापरवाही को लेकर हो रहे हंगामे के मामले की जांच कराई जाएगी।
-आनंद ओझा, अपर निदेशक देवीपाटन मंडल