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बाढ़ के पानी में डूबकर बुजुर्ग की मौत, बढ़ा कटान का खतरा

ग्रामीणों के सात घर व पिपरी का किला धारा में हो रहे समाहित10 सेंटीमीटर ऊपर लाल निशान से एल्गिन ब्रिज पर नदी 59 सेंटीमीटर नीचे घूरदेवी स्पर पर बह रही घाघरा 292998 क्यूसेक बैराजों से छोड़ा गया पानी

By JagranEdited By: Published: Sun, 25 Jul 2021 10:20 PM (IST)Updated: Sun, 25 Jul 2021 10:20 PM (IST)
बाढ़ के पानी में डूबकर बुजुर्ग की मौत, बढ़ा कटान का खतरा

बहराइच : बाढ़ के पानी में डूबकर रविवार को बुजुर्ग की मौत हो गई। वह भोर में शौच के लिए घर से बाहर गए थे। गांव के चारों ओर पानी भरा होने से पैर फिसलने से वह डूब गए। तीनों बैराजों से 292998 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। बीते 48 घंटे से घाघरा नदी का जलस्तर स्थिर बना हुआ है। पिपरी का किला कटान की जद में आ गया है। सात ग्रामीणों के घर धारा में समाहित होने की कगार पर हैं।

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खैरीघाट थाना क्षेत्र के ग्रामपंचायत बकैना के मजरा पारा निवासी 65 वर्षीय पंचम भोर में गांव से बाहर शौच करने गए थे। गांव के चारों ओर पानी होने के चलते पैर फिसलने से वह गहरे पानी में चले गए और डूबकर मौत हो गई। मृतक के पौत्र राज कुमार गौतम ने पुलिस को सूचना दी। थानाध्यक्ष राजकुमार सिंह ने बताया कि विधिक कार्रवाई की जा रही है।

सुबह आठ बजे एल्गिन ब्रिज पर घाघरा का जलस्तर लाल निशान 106.07 मीटर के सापेक्ष 106.176 मीटर रिकार्ड किया गया। यहां घाघरा लाल निशान से 10 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है, जबकि घूरदेवी स्पर पर लाल निशान 112.135 मीटर के सापेक्ष 111.540 मीटर रिकार्ड किया गया। यहां नदी खतरे के निशान से 59 सेंटीमीटर नीचे है। सरयू ड्रेनेज खंड प्रथम के सहायक अभियंता बीबी पाल ने बताया कि शारदा बैराज से 153584, गिरिजापुरी से 134435 व सरयू बैराज से 4979 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। तटवर्ती गांवों की फसलें जलभराव से सड़ रही है। बौंडी के पिपरी व तिकुरी गांव में कटान जारी है। पिपरी का किला तेजी से धारा में समाहित हो रहा है। नरेश, जगतराम, अर्जुन, रमेश, मूलचंद्र, मुनेश्वर व राजाराम के मकान धारा में समाहित हो रहे हैं। जुगुलपुरवा, तारापुरवा, कायमपुर, नगेसरपुरवा, शुकुलपुरवा, कुट्टीबाग जोगापुरवा समेत 10 गांवों में जलस्तर कम होने से ग्रामीणों को बाढ़ की समस्या से राहत मिली है। एसडीएम महसी एसएन त्रिपाठी ने बताया कटान पीड़ितों की सूची बनवाई जा रही है। जल्द अहेतुक सहायता देकर विस्थापित करवाया जाएगा।

अधिकारियों ने लिया बाढ़ का जायजा

एसडीएम एसएन त्रिपाठी, तहसीलदार राजेश कुमार वर्मा, नायब तहसीलदार विपुल सिंह ने सिलौटा, कायमपुर, पिपरी, तिकुरी का भ्रमण कर बाढ़ की स्थित देखी।

संक्रामक रोगों का बढ़ा का खतरा

बाढ़ का पानी कम होने के बाद गांवों में जल जनित बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। रमेश, राजेश, भगौती का कहना है कि बीमारियों से बचने के लिए फागिग कराए जाने के साथ बाढ़ प्रभावित गांवों में दवाओं का छिड़काव कराया जाना जरूरी है। जिले की नदियों का जलस्तर

नदी-बैराज-लाल निशान-जलस्तर

घाघरा-गिरजापुरी-136.80-135.35

घाघरा- एल्गिन ब्रिज-106.07-106.176

घाघरा-घूरदेवी-112.135-111.540

सरयू-गोपिया-133.55-130.45

शारदा-शारदा-135.15-135.20

(जलस्तर मीटर में है)


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