यज्ञ से मनुष्य को होती है देवत्व की प्राप्ति
संसू, गजाधरपुर (बहराइच) : गजाधरपुर के मनकामेश्वर मंदिर में चल रहे महारुद्र यज्ञ में रविवा
संसू, गजाधरपुर (बहराइच) : गजाधरपुर के मनकामेश्वर मंदिर में चल रहे महारुद्र यज्ञ में रविवार को संतों का जमावड़ा रहा। संतों ने भजन कीर्तन किया। श्रद्धालुओं ने हवन यज्ञ कर लोक मंगल की कामना की।
महंत रमाकांत दास त्यागी ने कहा कि यज्ञ को वेदों में कामधेनु कहा गया है। इससे मनुष्य को अभावग्रस्त जीवन से मुक्ति मिलती है। उन्होंने कहा कि जो यज्ञ त्यागता है उसे भगवान भी त्याग देता है। यज्ञ से मनुष्य देवत्व प्राप्त कर सकता है। मोरध्वज दास ने कहा कि यज्ञ भारतीय संस्कृति का प्रतीक है। शास्त्रों में गायत्री को माता और यज्ञ को पिता माना गया है। इन्हीं के संयोग से मनुष्य का आध्यात्मिक जन्म होता है। पुरोहितों के वैदिक मंत्रोच्चार के बीच श्रद्धालुओं ने यज्ञ में आहुतियां डाली। अयोध्या, नेपाल, बरेली, श्रावस्ती, रायबरेली, बाराबंकी, सूरतगंज समेत अन्य स्थानों के भक्त शामिल हुए। ध्रुव ¨सह, अर्जुन वर्मा, बलवीर वर्मा, मूलचंद, कल्लू गौड़, मनोज ¨सह, कामता मिश्रा, रामू गौड़ समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।