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निजीकरण के रवैए पर श्रम संगठनों ने जताई नाराजगी

-श्रम संगठनों ने मनाया विरोध दिवस श्रम विरोधी निर्णय वापस लेने की मांग

By JagranEdited By: Published: Thu, 24 Sep 2020 11:14 PM (IST)Updated: Fri, 25 Sep 2020 05:09 AM (IST)
निजीकरण के रवैए पर श्रम संगठनों ने जताई नाराजगी
निजीकरण के रवैए पर श्रम संगठनों ने जताई नाराजगी

संसू, बहराइच : केंद्र सरकार के निजीकरण व श्रम विरोधी कानून समेत विभिन्न मुद्दों को लेकर बुधवार को श्रमिक संगठनों ने विरोध दिवस मनाया। संगठनों ने विरोध प्रदर्शन कर अपने गुस्से का इजहार किया। सहकारी चीनी मिल एवं आसवनी इकाई कर्मचारी वेलफेयर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष यज्ञराम त्रिपाठी ने कहा कि केंद्र सरकार को अपने फैसले को वापस लेना चाहिए।

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उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को कर्मचारियों के हितों को देखकर फैसला लेना चाहिए। श्रम कानूनों में शिथिलता, रेलवे, रक्षा, बीमा, बैंक व बिजली सहित सार्वजनिक प्रतिष्ठानों का निजीकरण देश हित में भी नहीं है। बैंक इम्प्लाइज यूनियन के जिला मंत्री लालजी जायसवाल ने कहा कि सरकारी व संविदा कर्मी अपने-अपने दायित्वों का इमानदारी से निर्वहन कर रहे हैं। सरकार के फैसले से कर्मचारी आहत हैं। फैसले को लेकर कर्मचारियों ने अपने-अपने कार्यालयों के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। इंप्लाइज यूनियन के जिलाध्यक्ष दिनेश कुमार ने कहा कि नीतियां मजदूर विरोधी हैं। अनमोल बंसल, किरन राना, महेश कुमार, प्रीतम, दिलीप कुमार, सतीश कुमार, किशन कुमार, पंकज कुमार, डीडीएन अवस्थी, अंकित अग्रवाल, महेश कुमार, हजारीलाल, जमील खां, कमाल खां, प्रदीप यादव, वैभव दीक्षित मौजूद रहे।


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