पानी बिन सूखा तालाब, व्यवस्था पर उठा रहा सवाल
बहराइच मनुष्य के जीवन में पानी सबसे बड़ी आवश्यकता होती है। इसके लिए जल संरक्षण जरूरी है।
बहराइच : मनुष्य के जीवन में पानी सबसे बड़ी आवश्यकता होती है। इसके लिए जल संरक्षण जरूरी है। सरकार इसको लेकर योजनाएं भी चला रही है। जलस्तर बनाए रखने को लेकर तालाबों का भी निर्माण कराया जाता है। लाखों खर्च होने के बाद भी गांवों के मॉडल तालाब पानी के अभाव में सूखे पड़े हैं।
चित्तौरा ब्लॉक के सिसैया चक ग्राम पंचायत में मॉडल तालाब बनाया गया था। देखरेख के अभाव में जलविहीन होकर तालाब अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है। इसी मॉडल तालाब के सामने पूर्व माध्यमिक विद्यालय भी बना है। शाम को गांव के लोग यहां आकर सीमेंट की बनी बेंचों पर बैठकर सुख-दुख पर चर्चा करते थे। गांव के किनारे पार्क नुमा बने इस मॉडल तालाब में शुरुआती दिनों में चारों ओर लगाए गए हरे-भरे पेड़ों को तिरंगे कलर में रंगवाकर पार्क की शोभा बढ़ाई गई थी। यहां से गुजरने वालों के लिए यह मॉडल तालाब आकर्षण का केंद्र था। पार्क के चारों ओर कंटीले तारों से बनाई गई चहारदीवारी के साथ प्रवेश द्वार पर जल संचयन व पर्यावरण को बढ़ावा देने वाले स्लोगन लिखे गए। तालाब में पानी नहीं है, पर यहां हरी-भरी घास गर्मी के दिनों में ठंडक का एहसास करा रही है। इस पार्क की देखरेख के लिए पंचायत स्तर पर तैनात किए गए खेलावन साहू बताते हैं कि उन्हें जिम्मेदारी मिली थी। छायादार पेड़-पौधों के आसपास उगने वाली जंगली घास की सफाई करके प्रतिदिन उनकी जड़ों में पानी डालते थे। गर्मी के दिनों में तालाब में पानी कम होने पर पंपिग सेट से पानी भरवाया जाता था। इसमें गांव के मवेशी व पक्षियों को अपनी प्यास बुझाने में सुविधा होती थी, तो खेतों में काम करने वाले महिला-पुरुष दोपहर में पेड़ों की छांव में आराम करते थे। जब तक देखरेख होती रही तब तक यह मॉडल तालाब की रौनक बनी रही। दिन गुजरने के साथ हालात बदलते गए।
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- मॉडल तालाब के सुंदरीकरण के लिए लिखा-पढ़ी की गई है। बजट न आने से कार्य नहीं हो पाया है। फिलहाल तालाब सूखा पड़ा होने की जानकारी मुझे नहीं है। खामियां दूर कर तालाब का कायाकल्प कराया जाएगा।
सत्यव्रत श्रीवास्तव, वीडीओ/प्रशासक