मच्छरों पर करो वार, फाइलेरिया से पाओ पार
प्रदीप तिवारी, बहराइच : तराई के लोगों की सुंदर काया को फाइलेरिया अपंगता व कुरूपता की अ
प्रदीप तिवारी, बहराइच : तराई के लोगों की सुंदर काया को फाइलेरिया अपंगता व कुरूपता की ओर ढकेल रहा है। खासकर नदी के तलहटी क्षेत्रों में बीमारी का वाहक परजीवी तेजी से पनप रहा है। इन क्षेत्रों में निवास कर रहे लोग फाइलेरिया की चपेट में आ रहे हैं। पिछले कुछ सालों में बीमारी में कमी आई, लेकिन संदिग्ध मरीजों के जांच में परजीवी की पुष्टि ने शासन की नींद उड़ा दी है। अब परजीवी पर वार कर बीमारी से निजात को मॉस ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन अभियान चलेगा। इंडो-नेपाल बार्डर से सटे बहराइच समेत प्रदेश के 50 जिलों में फाइलेरिया के परजीवी के पांव पसारने के खुलासे पर शासन गंभीर हुआ है। इनमें देवीपाटन मंडल के चारों जिलों को शामिल किया गया है। इन जिलों में फाइलेरिया बीमारी लगभग समाप्त माना जा रहा था ,लेकिन एनएचएफ सर्वे में घाघरा,सरयू के कछार में फाइलेरिया के मरीजों के मिलने से झटका लगा है। डॉ. प्रभाकर मिश्रा बताते हैं कि यह कृमि रूपी बीमारी है। यह कृमि लसिका तंत्र की नलियों में होते हैं और उन्हें बंद कर देते हैं। क्यूलैक्स मच्छर के काटने से बहुत छोटे आकार के कृमि शरीर में प्रवेश करते हैं। यह कीड़े मनुष्यों और मच्छरों दोनों में संक्रमण पैदा करते हैं। यह खुराक दिलाएगी निजात
दो से पांच साल के बच्चों को डीईसी की 100 मिलीग्राम व अल्बेंडाजोल की 400 मिली ग्राम की एक-एक गोली दी जाएगी। छह से 14 साल के बच्चों को डीईसी की दो व अल्बेंडाजोल की एक गोली दी जाएगी। इससे ऊपर के लोगों को डीईसी की तीन व अल्बेंडाजोल की एक गोली खिलाई जाएगी। गर्भवती करें परहेज
फाइलेरिया से निजात को गर्भवती महिला व दो साल तक के बच्चों के लिए दवा घातक साबित हो सकता है। इसलिए फाइलेरिया की दवा का प्रयोग न करने की सलाह दी जाती है। ऐसे फैलता है रोग
क्यूलेक्स मच्छर जब खून चूसता है तो वो इन सूक्ष्म फाइलेरिया को अपने अंदर ले लेता है। संक्रमण पैदा करने वाले लार्वा के रुप में इनका विकास 10 से 15 दिनों के अंदर होता है।