बालिका सुरक्षा के लिए सरकार ने बढ़ाया कदम
राष्ट्रीय पर्वों पर आयोजित होगा संकल्प कार्यक्रम संसू बहराइच सूबे में बालिकाओं के प्रति बढ़ रहे अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए प्रदेश सरकार ने एक और पहल की है। स्कूल-कॉलेजों में बालिका सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रमों के अलावा अब विभिन्न पर्वों पर बालकों व अभिभावकों को बालिका सुरक्षा का संकल्प दिलाया जाएगा। राष्ट्रीय पर्वों पर इसके लिए विशेष आयोजन होगा। सरकार के इस फरमान से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान को भी बल मिलेगा।
बहराइच : सूबे में बालिकाओं के प्रति बढ़ रहे अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए प्रदेश सरकार ने एक और पहल की है। स्कूल-कॉलेजों में बालिका सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रमों के अलावा अब विभिन्न पर्वों पर बालकों व अभिभावकों को बालिका सुरक्षा का संकल्प दिलाया जाएगा। राष्ट्रीय पर्वों पर इसके लिए विशेष आयोजन होगा। सरकार के इस फरमान से बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान को भी बल मिलेगा।
अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों की होगी जिम्मेदारी राष्ट्रीय पर्वों पर विद्यालयों में होने वाली सभाओं में बालिका सुरक्षा संकल्प के लिए अधिकारियों के साथ ही ग्राम प्रधानों व क्षेत्र के गणमान्य नागरिकों को जिम्मेदारी दी गई है। इसकी शुरूआत स्वतंत्रता दिवस से करनी थी। इन पर्वों पर होगा संकल्प समारोह स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस, गांधी जयंती, रक्षाबंधन समेत अन्य पर्वों पर विद्यालयों में बालिका सुरक्षा के लिए संकल्प समारोहों का आयोजन किया जाएगा। माता-पिता की ओर से भी जिम्मेदारी शपथ ली जाएगी। बालकों के लिए शपथ का बिदु बालिका सुरक्षा के लिए बालकों को शपथ लेने के लिए शासन की ओर से बिदु भेजे गए हैं। इसमें 'भारत के जिम्मेदार नागरिक के रूप में मैं शपथ लेता हूं कि सदैव बालिकाओं व महिलाओं का सम्मान करूंगा और उनके अधिकारों की सुरक्षा करूंगा। मैं प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से अपने कृत्यों, शब्दों तथा कर्मों से किसी बालिका या महिला के अधिकारों व मर्यादा का हनन नहीं होने दूंगा। मैं शपथ लेता हूं कि बालिकाओं व महिलाओं को उनके विकास के लिए समान अवसर प्रदान करने में अपना पूरा योगदान दूंगा।' माता-पिता यह लेंगे शपथ बालिका के माता-पिता को भी शपथ लेनी है। इसके लिए 'भारत के जिम्मेदार नागरिक के रूप में मैं शपथ लेता/लेती हूं कि मैं अपने बेटे व बेटी में किसी प्रकार का भेदभाव नहीं करूंगा/करूंगी। मैं अपने बच्चों को बचपन से ही जीवन के नैतिक मूल्य सिखाऊंगा/सिखाऊंगी और उन्हें सही-गलत का भेद बताऊंगा/बताऊंगी। जिस प्रकार अपनी बेटी को स्वयं की सुरक्षा के लिए ध्यान रखने को कहता/कहती हूं। उसी प्रकार मैं अपने बेटे को अनुशासन में रखते हुए उसकी भी दैनिक गतिविधियों का पूरा ध्यान रखूंगा/रखूंगी।' इनसेट जिले के तकरीबन 350 स्कूल-कॉलेजों में बालिका सुरक्षा के लिए अभिभावकों व बालकों को शपथ दिलाई गई है। सरकार की इस पहल से बालिका सुरक्षा अभियान को बल मिलेगा। राजेंद्र कुमार पांडेय, डीआईओएस, बहराइच