स्वास्थ्य उपकेंद्र पर ताले, इलाज के लाले
प्रसव के लिए दर-दर भटकती हैं गर्भवती महिलाएं
संसू, बौंडी (बहराइच) : स्वास्थ्य उपकेंद्र यानी एएनएम सेंटर बदहाल हैं। उपकेंद्रों की यही दशा रही तो आने वाले समय में जच्चा-बच्चा स्वस्थ नहीं रहने वाले। एक दशक पूर्व सरकार ने जच्चा-बच्चा को पोलियो, पीलिया मिजिल्स, एनीमिया आदि बीमारियों के इलाज, सुरक्षित प्रसव व टीकाकरण के लिए फखरपुर ब्लॉक के 27 गांवों में स्वास्थ्य उपकेंद्र बनवाए थे। स्वास्थ्य उपकेंद्र बनने से ग्रामीणों में आस जगी थी कि अब उन्हें टीकाकरण व प्रसव के लिए दौड़-भाग नहीं करनी पड़ेगी। देखरेख के अभाव में उपकेंद्र झाड़-झंखाड़ में तब्दील हो गए। बुधवार को जागरण ने फखरपुर ब्लॉक के स्वास्थ्य उपकेंद्र रानीबाग का जायजा लिया। प्रस्तुत है रिपोर्ट- स्थान : स्वास्थ्य उपकेंद्र रानीबाग। समय 12.00 बजे। उपकेंद्र की चहारदीवारी क्षतिग्रस्त है। परिसर में मवेशी घूमते मिले। खिड़कियां चोर-उचक्के उजाड़ चुके हैं। सभी दरवाजे सड़कर गिर चुके हैं। प्रत्येक कमरे में गंदगी का अंबार है। हैंडपंप वर्षों से खराब है। स्वास्थ्य उपकेंद्र पर एएनएम अथवा कोई मरीज नहीं दिखाई दिया। श्यामसुंदर सिंह, उमेश सिंह, मिथलेश कुमार, अशोक कुमार ने बताया कि गांव में एएनएम के पद पर बसंती देवी की तैनाती थी, जो करीब एक माह पूर्व सेवानिवृत्त हो चुकी हैं।
केंद्र पर गर्भवती महिलाओं के प्रसव की व्यवस्था नहीं है। उपकेंद्र बदहाल होने के कारण कभी भी एएनएम गांव में प्रवास नहीं करती हैं। कायाकल्प योजना के तहत विभिन्न गांवों में स्वास्थ्य उपकेंद्रों व विद्यालयों का मरम्मत कार्य हो रहा है, लेकिन इस उपकेंद्र का कायाकल्प नहीं हुआ। कई बार विभाग को इसकी सूचना भी दी गई है।
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बोले जिम्मेदार
फखरपुर सीएचसी प्रभारी डॉ. प्रत्यूष सिंह ने बताया कि कायाकल्प योजना के तहत कई उपकेंद्रों की मरम्मत हुई है। अन्य स्वास्थ्य उपकेंद्रों के कायाकल्प की योजना बनाई गई है। जल्द ही उपकेंद्र के मरम्मत की व्यवस्था कराई जाएगी। तैनात एएनएम बसंतीदेवी सेवानिवृत्त हो चुकी हैं। जल्द दूसरी एएनएम की तैनाती की जाएगी।