बेसहारा पशुओं का किसान बने सहारा
बहराइच : बेसहारा पशुओं के संरक्षण के लिए सरकार ही नहीं यहां के किसान भी ¨चतित है
बहराइच : बेसहारा पशुओं के संरक्षण के लिए सरकार ही नहीं यहां के किसान भी ¨चतित हैं। इनका सहारा किसान पहले से ही बने हुए हैं। गांवों में अस्थाई आश्रय स्थल बनाकर बेसहारा पशुओं को इसी में रखते हैं। सुबह उन्हें चारे-पानी की व्यवस्था की जाती है।
शिवपुर ब्लॉक के बस्थनवा गांव के किसान बेसहारा जानवरों से परेशान थे। किसानों की टीम बनाकर रातों में फसलों की रखवाली इनकी दिनचर्या में शामिल हो गया था। दो माह पहले किसानों ने यहां बने ग्राम सचिवालय के सामने स्थित मैदान में लकड़ी की बल्लियों से घेरकर आश्रय स्थल बना डाला। किसान संजय वर्मा, रामप्रगट, धनलाल, गजराज, रामचंदर कहते हैं कि शाम को इधर-उधर बेसहारा घूम रहे जानवरों को घेरकर इस आश्रय स्थल में पहुंचा दिया जाता है। सुबह एक किसान की देखरेख में मवेशियों को चरने के लिए छोड़ा जाता है। किसान कहते हैं कि अब फसलों की रखवाली की ¨चता नहीं करनी पड़ रही है। यहां इस वक्त दर्जन भर से अधिक मवेशी रह रहे हैं। इसी तरह जरवल ब्लॉक के करमुल्लापुर के अबुल्लापुर के किसानों ने भी तीन माह पहले यह पहल की थी। किसान रघुनाथ की अगुवाई में ग्रामीण बेसहारा मवेशियों को घेरकर पकड़ लाते थे और बांधकर तीन लोगों पर एक मवेशी के चारा-पानी की व्यवस्था की गई। ग्रामीणों के सहयोग से जहां फसलों की रखवाली से निजात मिली। वहीं बेसहारा मवेशियों को भी ठंड से राहत मिल गई।