10 गांवों में घुसा बाढ़ का पानी, 15 गांवों पर मंडराया खतरा
सरयू शारदा व गिरजा बैराजों से एक लाख 26 हजार क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया। सरयू शारदा व गिरजा बैराजों से एक लाख 26 हजार क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया। सरयू शारदा व गिरजा बैराजों से एक लाख 26 हजार क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया।
संसू, महसी (बहराइच) : पहाड़ों पर हो रही बारिश के बाद बैराजों से 1.26 लाख क्यूसेक पानी घाघरा नदी में छोड़े जाने के बाद नदी उफना गई। महसी तहसील के 10 गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया। 15 अन्य गांवों में खतरा मंडराने लगा। छह से अधिक गांवों के संपर्क मार्गों पर पानी भरा होने से आवागमन प्रभावित हो रहा है। हालाकि घूरदेवी स्थित स्पर पर घाघरा नदी खतरे के निशान से 88 सेमी नीचे बह रही है।
शनिवार को स्पर पर नदी का जलस्तर 111.270 मीटर रिकार्ड किया गया। जलस्तर बढ़ने से माझादरिया, कायमपुर, नगेसरपुरवा, शुकुलपुरवा, घुरेहरीपुर, तारापुरवा, जुगुलपुरवा समेत 10 गांवों में बाढ़ का पानी भर गया है। कायमपुर, तारापुरवा, शुकुलपुरवा, जुगुलपुरवा समेत छह गांवों के संपर्क मार्गों पर बाढ़ का पानी भर जाने से आवागमन प्रभावित है। मास्टरपुरवा, पचासा, केवलपुर, मंगलपुरवा, चुरईपुरवा, पिपरी, पिपरा समेत 15 गांवों पर भी बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। सिचाई विभाग के अधिशाषी अभियंता शोभित कुशवाहा ने बताया कि सरयू बैराज से 11 हजार, शारदा बैराज से 20 हजार व घाघरा बैराज से 95 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। संक्रामक रोगों की चपेट में आ रहे लोग तटवर्ती गांवों में संक्रामक रोगों का प्रकोप बढ़ गया है। जरमापुर के सहजराम अवस्थी, राजितराम ने बताया कि गांव के धीरज, विजयकुमार, श्यामू, गुल्ले, सुखदेई समेत दर्जन भर से अधिक लोग बुखार व अन्य बीमारियों से पीड़ित हैं। सूचना के बाद भी अभी तक स्वास्थ्य टीम नहीं पहुंची है। एसडीएम सुरेंद्र नारायण त्रिपाठी ने बताया कि बाढ़ प्रभावित गांवों में शिविर लगाकर इलाज करने के निर्देश चिकित्सकों को दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि गांवों में राजस्व कर्मियों को अलर्ट किया गया है। कायमपुर में नाव लगाई गई है। जरूरत पड़ने पर अन्य गांवों में भी नाव लगाई जाएगी।