घाघरा में छोड़ा गया 46 हजार क्यूसेक पानी
कटान तेज धारा में समाई 30 बीघे जमीन चित्र परिचय - 26 बीआरएच 27 व 2
संसू, महसी/बौंडी/गजाधरपुर(बहराइच) : घाघरा नदी का जलस्तर घटने के बाद कटान तेज हो गई है। गुरुवार को विभिन्न बैराजों से नदी में 46 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया। कटान से 30 बीघे जमीन नदी की धारा में समा गई। 12 आशियाने कटान के मुहाने पर हैं।
महसी तहसील के घूरदेवी स्थित स्पर पर नदी का जलस्तर 110.050 मीटर रिकार्ड किया गया। यहां नदी खतरे के निशान से दो मीटर 10 सेमी नीचे बह रही है। पिपरी के राजा का ऐतिहासिक किला कटान की जद में है। बृजेश, महफूज, जाफर, मकबूल, रामू व मोती समेत 12 लोगों के आशियाने कटान के मुहाने पर आ गए हैं। हथौड़ा चलाकर ग्रामीण घरों की ईंट सहेजने में जुटे हुए हैं। मूलचंद बृज कुमार, बाबादीन, रामदीन, सिपाही लाल, बबलू, बच्चालाल व अमृत लाल की तकरीबन पांच बीघे धान व गन्ने की फसल नदी की धारा में समा गई। कटान के चलते प्रभावित लोग सहमे हुए हैं। अधिशाषी अभियंता सरयू ड्रेनेज खंड प्रथम शोभित कुशवाहा ने बताया कि शारदा, सरयू व घाघरा बैराजों से पानी छोड़ा गया है। कैसरगंज तहसील क्षेत्र के मझारा तौकली, भिरगूपुरवा, ग्यारह सौ रेती में तकरीबन 25 बीघे खेती योग्य जमीन नदी की धारा में समा गई। गांव के पतरू व मुन्ना लाल ने खेतों की ओर जाने के लिए दो नावों की व्यवस्था की। पूजन कर नावों को नदी में छोड़ा गया।