बढ़ाइए इम्यूनिटी, बिना जांच 10 दिन में पहुंचिए घर
अब कोरोना के लक्षण न दिखने पर नहीं कराई जाएगी दोबारा जांच
प्रदीप तिवारी, बहराइच : कोरोना संक्रमण से जूझ रहे पीड़ितों के अवसाद से ग्रसित होने के बढ़ रहे मामलों को देखते हुए शासन ने होम आइसोलेशन के साथ ही 10 दिनों में लक्षण न दिखने पर बिना जांच मरीजों को घर जाने को राहत दी है। अभी तक 10 दिनों के बाद संक्रमित की 24 घंटों में दो बार सैंपल जांच किए जाते थे। रिपोर्ट के आधार पर ही 14 दिनों बाद उन्हें घर जाने की अनुमति होती थी।
वैश्विक महामारी की चुनौती से निपटने के लिए अब तक वैक्सीन व अन्य जीवन रक्षक दवाओं की इजाद नहीं हो सका है। सिर्फ इम्यूनिटी के जरिए ही संक्रमितों की जिदगी को बचाया जा रहा है। पिछले चार माह से कोरोना के चपेट में आए लोगों पर हुए अध्ययन से पता चला है कि घर से अलग बंदिशों के बीच कोविड अस्पताल में रखने से बीमारी से ज्यादा लोग अवसाद व ब्लड प्रेशर के मरीज होते जा रहे हैं। संक्रमितों के कई अन्य बीमारियों के चपेट में आने को देखते हुए सरकार ने अब उन्हें सिर्फ 10 दिनों तक ही अस्पताल में चिकित्सा कर्मियों की देखरेख में रखने का फैसला किया है। इस दौरान उन्हें सांस लेने में तकलीफ, बुखार व गले में खराश न होने पर सैंपल जांच कराने की जरूरत नहीं होगी, बल्कि चिकित्साधिकारी उन्हें सीधे घर भेज सकेंगे।
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14 दिनों तक करेंगे फालोअप
-नोडल अधिकारी डॉ. जयंत कुमार ने बताया कि 10 दिनों तक उन्हें परिवार से अलग रहना होगा। दैनिक रिपोर्ट उन्हें कंट्रोल रूम या फिर स्थानीय चिकित्सक को देते रहने होंगे। इस दौरान तबियत गड़बड़ होने पर उन्हें अस्पताल लाया जाएगा। ----------------
शासन स्तर पर बिना जांच 10 दिनों बाद संक्रमितों को घर भेजने के निर्देश दिए गए हैं। उन्हें संक्रमितों का इसका लाभ मिलेगा, जिनके कोरोना से जुड़े लक्षण नहीं पाए जाएंगे।
-डॉ. एसके सिंह, सीएमओ बहराइच