घाघराघाट हाईवे पर सात घंटे डटे रहे किसान
दिल्ली जाने से पुलिस ने रोका तो ट्रैक्टर-ट्रॉली रोककर बैठे थे धरने पर एसडीएम व सीओ के साथ तीन थानों की लगी हुई थी पुलिस लौटे किसान
बहराइच : केंद्र के तीन कृषि बिल के विरोध में कई दिनों से दिल्ली में चल रहे धरने में शामिल होने ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर जा रहे किसानों को घाघराघाट रेलवे स्टेशन के पास रोक दिया गया। तीन थानों की पुलिस मौके पर तैनात कर दी गई। पुलिस के रवैए से नाराज किसान धरने पर बैठे रहे। सात घंटे बाद किसान धरना समाप्त कर गांव लौटे।
भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के जिलाध्यक्ष ओम प्रकाश वर्मा के नेतृत्व में सात ट्रैक्टर-ट्रॉलियों व दूसरे साधनों से लगभग 500 किसानों का दल दिल्ली के लिए निकला था। इसकी भनक पुलिस व प्रशासन को लगी। आनन-फानन कैसरगंज, जरवलरोड व फखरपुर थाने के पुलिस को रोकने के लिए भेजा गया। घाघराघाट के पास पुलिस ने काफिले को रोक दिया। एसडीएम महेश कुमार कैथल व पुलिस अधिकारी भी पहुंचे। पुलिस के रवैए से नाराज किसान घाघराघाट रेलवे स्टेशन के बाहर धरने पर बैठ गए। जिलाध्यक्ष ओम प्रकाश वर्मा ने बताया कि पिछले कई दिनों से किसान दिल्ली में धरने पर बैठे हुए हैं। कृषि कानूनों को वापस करने की मांग कर रहे हैं। सरकार अपने जिद पर अड़ी हुई है। कहा कि यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह चौहान राज्यपाल को ज्ञापन देने गए हुए हैं। उनके निर्देश के बाद ही वे लोग आगे या फिर यहां से वापस गांव जाएंगे। किसान सदानंद यादव, योगेंद्र पहलवान, ओंकार यादव, नीरज कुमार, प्रदीप कुमार का कहना है कि कृषि कानून को वापस ही लेना होगा। इसके आगे कोई भी केंद्र का फैसला मंजूर नहीं है। किसानों के रुख को देखते हुए तीन थानों की पुलिस को तैनात किया गया है। पांच बजे के करीब प्रदेश उपाध्यक्ष से वार्ता के बाद भाकियू नेता व किसानों ने धरना समाप्त किया। किसानों के लौटने के बाद पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने राहत की सांस ली। उधर सुबह ही भानु गुट के नेता पतिराम चौधरी को नवाबगंज पुलिस ने उन्हें थाने में लाकर नजरबंद कर दिया। देर शाम उन्हें भी छोड़ दिया गया।
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हाईवे पर कुछ देर ठप रहा आवागमन
काफिला रोके जाने से नाराज किसान बहराइच-गोंडा हाईवे पर धरने पर बैठ गए। इससे कुछ देर के लिए दोनों ओर से वाहनों का आवागमन ठप हो गया। पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के समझाने के बाद किसान हाईवे से हटकर पटरी पर बैठ गए। गणतंत्र दिवस की सुरक्षा को देखते हुए किसानों को आगे जाने रोका गया। समझाने के बाद किसान शांत हुए। सभी को उनके गांव भेज दिया गया है।
महेश कुमार कैथल, एसडीएम, कैसरगंज