कर्नाटक व मप्र की तर्ज पर प्राकृतिक खेती करें किसान
जासं बहराइच। शुक्रवार को विकास भवन सभागार में जिलास्तरीय किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया।
जासं, बहराइच। शुक्रवार को विकास भवन सभागार में जिलास्तरीय किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस मौके पर वैज्ञानिक, अधिकारी व प्रगतिशील किसान एक मंच पर बैठे। कृषि की बेहतरी व किसानों के उत्थान के लिए कर्नाटक व मध्यप्रदेश की तर्ज पर तराई में शून्य लागत पर प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने पर चर्चा की गई। पद्मश्री सुभाष पालेकर के शिष्य गोपाल ने किसानों को प्राकृतिक खेती के फायदे, लाभ के बारे में महत्वपूर्ण अनुभवों को साझा किया।
गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए नवागंतुक डीएम शंभु कुमार ने कहा कि शून्य लागत पर खेती से न केवल किसानों की लागत घटेंगी, बल्कि मिट्टी सेहत में सुधार व पैदावार में भी बढ़ोत्तरी होगी। पद्मश्री के शिष्य ने कहा कि आज कर्नाटक, छत्तीसगढ़ व आंध्रप्रदेश के किसान बड़ी संख्या में प्राकृतिक खेती कर रहे हैं। प्राकृतिक खेती से जिला प्राकृतिक जिला बन सकेगा। उन्होंने कहा कि 2022 तक प्राकृतिक खेती अपनाकर किसान अपनी आय खुद ही दोगुनी कर सकते हैं।