अब सीएमओ के अधीन काम करेंगे जिला अस्पताल के चिकित्सक
चिकित्सक राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कॉलेज में समायोजित नहीं किए जाएंगेबल्कि अब ये चिकित्सक सीएमओ के अधीन काम करेंगे। लेवल वन टू व थ्री के चिकित्सक पूर्व की भांति कॉलेज में कार्य करेंगेलेकिन सिर्फ इमरजेंसी पोस्टमार्टम व वीआईपी ड्यूटी का ही जिम्मा संभालेंगे। प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा ने आदेश जारी किए हैं। चुनाव के बाद चिकित्सकों के स्थानांतरण की प्रक्रिया शुरू होगी।
प्रदीप तिवारी, बहराइच : जिला अस्पताल में तैनात लेवल फोर के चिकित्सक राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कॉलेज में समायोजित नहीं किए जाएंगे, बल्कि अब ये चिकित्सक सीएमएस के अधीन न होकर सीएमओ के अंडर में काम करेंगे। लेवल वन, टू व थ्री के चिकित्सक पूर्व की भांति कॉलेज में कार्य तो करेंगे, लेकिन सिर्फ इमरजेंसी, पोस्टमार्टम व वीआईपी ड्यूटी का ही जिम्मा संभालेंगे। ऐसा आदेश प्रमुख सचिव चिकित्सा, शिक्षा ने जारी किए हैं। लोकसभा चुनाव के बाद चिकित्सकों के तबादले की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी।
राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कॉलेज में जिला अस्पताल के समायोजन के साथ ही यहां तैनात चिकित्सक व कर्मियों के समायोजन को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। स्वास्थ्य कर्मियों को तीन साल के लिए समायोजित करने के साथ ही अब चिकित्सकों के स्थानांतरण को लेकर भी शासन ने स्थिति साफ कर दी है। जिला महिला व पुरुष हॉस्पिटल में तैनात लेवल फोर के सभी चिकित्सक सीएमओ के अधीन स्थानांतरित किए जाएंगे। साथ ही गैर जिलों में भी इनका स्थानांतरण किया जा सकता है। आकांक्षात्मक जिले को देखते हुए लेवल वन, टू व थ्री के चिकित्सक मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी, पोस्टमार्टम व वीआईपी ड्यूटी करेंगे। प्रमुख सचिव के इस फैसले से पुरुष अस्पताल के 12 व महिला के तीन चिकित्सक कॉलेज में सेवाएं देंगे। प्राचार्य डॉ. एके साहनी बताते हैं कि 23 मई के बाद स्थानांतरण की प्रक्रिया शुरू होगी। सीएमओ निकालेंगे वेतन लेवल वन, टू व थ्री के चिकित्सकों की भले ही तैनाती मेडिकल कॉलेज में रहेगी, लेकिन वेतन व अन्य देयकों का भुगतान सीएमओ स्तर से होगा। लेवलवार तैनात चिकित्सक जिला पुरुष व महिला अस्पताल में लेवल फोर में डॉ. हीरालाल, डॉ. परितोष मिश्रा, डॉ. मधु गैरोला, डॉ. अंजू श्रीवास्तव, डॉ. राबिया समेत 13 चिकित्सक हैं। लेवल थ्री में सात, लेवल टू में आठ व लेवल वन में एक चिकित्सक की तैनाती है। संविदा चिकित्सकों की होगी छुट्टी
मेडिकल कॉलेज संचालन के साथ ही संविदा पर तैनात चिकित्सक भी हटेंगे। खासकर बालरोग विभाग में तैनात सभी चिकित्सकों का करार समाप्त होगा। नियुक्ति हो रहे एसोसिएट व सहायक प्रोफेसर ओपीडी करेंगे।