आदमपुर-रेवली तटबंध का सुरक्षा कार्य जून तक करें पूरा
डीएम ने किया निरीक्षण 20 करोड़ रुपये से हो रहा निरोधक कार्य अभियंताओं से ली तकनीकी जानकारी तेजी लाने के दिए निर्देश
बहराइच : आदमपुर-रेवली तटबंध के सुरक्षा कार्य का निरीक्षण सोमवार को जिलाधिकारी ने किया। बीस करोड़ की लागत से चल रहे कटान निरोधक कार्य को जून माह तक पूरा किए जाने के निर्देश डीएम ने दिए।
तहसील कैसरगंज स्थित आदमपुर-रेवली तटबंध की बाढ़ से सुरक्षा के लिए 208.20 लाख रुपये की लागत से कटान निरोधक कार्य (परक्यूपाइन) कराया जा रहा है। जिलाधिकारी डा. दिनेश चंद्र ने बाढ़ खंड के अभियंताओं तथा तहसील प्रशासन को निर्देश दिया कि पूरे तटबंध की सतर्क निगरानी की जाए।
तटबंध के संवेदनशील और अतिसंवेदनशील स्थानों का चिह्नांकन कर सुरक्षा की दृष्टि से सभी आवश्यक प्रबंध किए जाएं। निर्देश दिया कि सामग्री ऐसे स्थानों पर रखी जाए, जहां से आपात स्थिति में उसको गंतव्य तक पहुंचाने में कोई समस्या न आए। मौके पर मौजूद ड्रेनेज खंड के अधिशासी अभियंता शोभित कुशवाहा, सहायक अभियंता आरके सिंह व अवर अभियंता मोहित कुमार से डीएम ने निर्माण कार्य के तकनीकी पहलुओं की जानकारी लेते हुए बरसात से पहले जून माह तक काम पूरा करने के निर्देश दिए।
चरवाहों को डीएम ने खिलाया गुड़
निरीक्षण के दौरान मौजूद ग्रामीणों से संभावित बाढ़ के दौरान प्रभावित होने वाले क्षेत्रों तथा खेती-किसानी के बारे में भी जानकारी डीएम ने ली। इसी बीच कुछ चरवाहे गुजर रहे थे, उन्हें रोककर गुड़ खिलाया। काम के बारे में पूछा। यहां पर मौजूद बच्चों से डीएम ने पठन-पाठन तथा उनकी दिनचर्या के बारे में जानकारी ली। इस मौके पर तहसीलदार शिवप्रसाद मौजूद रहे। थानाध्यक्ष के कमरे में तेज धमाका, दरकीं दीवारें
रामगांव के तत्कालीन थानाध्यक्ष के कमरे में हुए तेज विस्फोट की गूंज एसपी के कानों तक पहुंच गई है। धमाका इतना तेज था कि एसओ के कमरे के आसपास बनी बिल्डिगों के कमरों में लगी खिड़कियों के शीशे चकनाचूर हो गए। मामले को कई दिनों तक दबाए रखा गया, लेकिन जानकारी होने के बाद एसपी ने जांच शुरू कराई है।
छह दिन पूर्व थाना परिसर में बने थानाध्यक्ष अरुण कुमार त्रिगुणायक के आवास पर दोपहर में तेज धमाका हुआ। धमाके की तीव्रता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि आसपास बने मकानों की खिड़कियों पर लगे कांच टूट कर बिखर गए। कई कमरों की दीवारें भी दरक गई थीं।
धमाके के चलते परिसर में बने मकानों में रहने वाले लोग अपने-अपने कमरों से भाग खड़े हुए। लोगों को समझ नहीं आ रहा था कि एसओ के कमरे में आखिर ऐसा कौन सा विस्फोटक था कि दीवारें दरक गईं। पूरे मामले को कई दिन तक दबाए रखा गया। पुलिस अधीक्षक केशव कुमार चौधरी ने मामले को गंभीरता से लेकर जांच शुरू करा दी है। एसपी ने बताया कि अभी इस मामले में कुछ कहना मुश्किल है।