हाईवे पर दुर्घटनाओं का कारण बने बेसहारा मवेशी
संसूबहराइच सरकार ने बेसहारा मवेशियों के लिए गो आश्रय स्थलों का निर्माण कराया। इसके बाद भी बेसहारा मवेशी खुलेआम घूम रहे हैं। शाम होते ही चौक-चौराहों व हाइवे पर मवेशियों के झुंड एकत्र हो जाते हैं और दुर्घटना को दावत देते हैं। बेसहारा मवेशियों को पकड़ने के लिए चलाया गया अभियान भी महज खानापूर्ति बनकर रह गया। हाइवे पर डेरा डालकर बैठे मवेशियों के चलते आए दिन दुर्घटना भी हो रही है।
संसू, बहराइच : सरकार ने बेसहारा मवेशियों के लिए गो आश्रय स्थलों का निर्माण कराया। इसके बाद भी बेसहारा मवेशी खुलेआम घूम रहे हैं। शाम होते ही चौक-चौराहों व हाईवे पर मवेशियों के झुंड एकत्र हो जाते हैं और दुर्घटना को दावत देते हैं। बेसहारा मवेशियों को पकड़ने के लिए चलाया गया अभियान भी महज खानापूर्ति बनकर रह गया।
पशुपालन विभाग के आंकड़े बताते हैं कि जिले में 10 हजार से अधिक बेसहारा मवेशी हैं, जिनका ठिकाना हाईवे या फिर सड़कें हैं। अभियान चलाकर इन मवेशियों को पकड़कर अस्थाई गो-आश्रय स्थल में पहुंचाने के निर्देश शासन ने दिए थे, लेकिन शासन का आदेश भी ताक पर नजर आ रहा है। जिले में बेसहारा पशु सिर्फ किसानों के लिए ही मुसीबत नहीं बने हैं, बल्कि हाईवे पर हादसों की बड़ी वजह बन गए हैं। आए दिन वाहन मवेशियों से टकराकर हादसे का शिकार हो रहे हैं। इसमें लोगों की ही जान ही नहीं जा रही, मवेशियों की भी मौत हो जाती है। सीवीओ डॉ. बलवंत सिंह ने बताया कि जिले में 36 अस्थाई गो-आश्रय स्थल, दो कांजी हाउस व दो कान्हा स्थल बनवाए गए हैं। तकरीबन सात हजार मवेशियों को गो-आश्रय स्थलों में रखा गया है। सड़कों पर घूम रहे मवेशियों को जल्द ही गो-आश्रय स्थल तक पहुंचाने के लिए अभियान चलाया जाएगा।