Bahraich News: साहित्य सेवा के लिए ‘गुलशन’ को 79 देशों से 1,773, साहित्यानुरागी ने लिम्का में दर्ज कराया नाम
डा. पांडेय सबसे छोटी गजल सबसे बड़ी गजल सबसे लंबी गजल लिख कर विश्व रिकार्ड बना चुके हैं। सबसे लंबा और अद्वितीय गीत लेखन के लिए वर्ल्ड बुक आफ रिकार्ड्स लंदन ने सम्मानित किया है। उनकी 25 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं।

बहराइच, जागरण संवाददाता। हिमालय की तलहटी में जब भी हिंदी साहित्य सृजन की बात छिड़ती है तो साहित्यानुरागी डा. अशोक कुमार पांडेय ‘गुलशन’ की छवि जेहन में कौंध उठती है। साहित्यिक अवदान के लिए अब तक उन्हें 79 देशों से 1,773 सम्मान प्राप्त हो चुके हैं। इसमें चार डीलिट, 14 आनरेरी डाक्टरेट, आठ अंतरराष्ट्रीय एवं 10 राष्ट्रीय सम्मान शामिल हैं।
क्षेत्रीय आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी डा. अशोक कुमार पांडेय को किशोरावस्था से ही कविताएं लिखने में रुचि रही, जो राजकीय सेवा में आने के साथ परवान चढ़ती गई। 44 वर्ष से लेखन कर्म से जुड़े डा. पांडेय साहित्य के क्षेत्र में 55 वर्ल्ड रिकार्ड बना चुके हैं। अब तक विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में उनकी करीब तीन हजार रचनाएं प्रकाशित हो चुकी हैं।
डा. पांडेय सबसे छोटी गजल, सबसे बड़ी गजल, सबसे लंबी गजल लिख कर विश्व रिकार्ड बना चुके हैं। सबसे लंबा और अद्वितीय गीत लेखन के लिए वर्ल्ड बुक आफ रिकार्ड्स लंदन ने सम्मानित किया है। उनकी 25 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं।
लिम्का में पेज नंबर 32 पर दर्ज है नाम
डा. पांडेय देश में प्रकाशित होने वाले 655 हिंदी अखबारों के 12,634 अखबारों का संकलन कर अपना नाम लिम्का बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज करा चुके हैं। उनका यह रिकार्ड तोड़ना किसी के लिए काफी मुश्किल होगा। इसके लिए करीब 31 वर्ष तक डाक से अखबार मंगवाना होगा। उनका नाम 2022 में प्रकाशित होने वाली लिम्का बुक आफ रिकार्ड में पेज संख्या 32 पर दर्ज है। उन्हें इसके लिए प्रमाणपत्र दिया गया है।
इन देशों से मिला है सम्मान
राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान से कहानी संग्रह ‘कागज के पंख’ पर 51 हजार रुपये के सम्मान, अमृत लाल नागर पुरस्कार तथा काव्य संग्रह ‘ख्वाब के साये’ पर एक लाख रुपये की सम्मान राशि सहित डा. हरिवंश राय बच्चन पुरस्कार एवं इंडोनेशिया में एक लाख रुपये की राशि सहित दुष्यंत कुमार गजल सम्मान से नवाजा जा चुका है। सर्बिया, इटली, ब्राजील और नाइजीरिया से साहित्यिक सेवाओं के लिए डीलिट के अलावा जार्डन, संयुक्त अरब अमीरात, इंडोनेशिया, फिलिस्तीन, मिस्र और भारत से नौ आनरेरी डाक्टरेट की मानद उपाधि से नवाजा गया है।
इंटरनेशनल डायमंड अवार्ड, महात्मा गांधी इंटरनेशनल नोबेल पीस अवार्ड, डा. एपीजे अब्दुल कलाम इंटरनेशनल अवार्ड, इंटरनेशनल गोल्डन अवार्ड, अंतरराष्ट्रीय मदर टेरेसा अवार्ड, इंटरनेशनल अचीवर्स अवार्ड, इंटरनेशनल गोल्ड स्टार एक्सीलेंसी अवार्ड, इंटरनेशनल एक्सीलेंसी अवार्ड तथा नोबेल इंटरनेशनल अवार्ड प्रमुख हैं।
नौ राष्ट्रीय सम्मान में सुर साधना राष्ट्रीय सम्मान, डा. अंबेडकर भारत-भारती रत्न अलंकार, राष्ट्रीय हिंदी सेवी सहस्त्राब्दी सम्मान, काव्य विभूति राष्ट्रीय सम्मानोपाधि, राष्ट्रीय काव्य कृति सम्मान, राष्ट्रीय साहित्य रत्न सम्मान, काव्य कौस्तुभ राष्ट्रीय सम्मानोपाधि, राष्ट्रीय रत्न अवार्ड शामिल हैं।
वर्ष 2011-12 में इनके हिंदी साहित्य में योगदान विषय पर लखनऊ विश्वविद्यालय में एमफिल तथा बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के पीएचडी के शोध ग्रंथ में इनकी छोटी बहर की गजल सम्मिलित है। भारतीय दूतावास की ओर से काठमांडू, भूटान, थाईलैंड और इंडोनेशिया के विश्व हिंदी उत्सव में सम्मिलित हो चुके हैं।
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