स्टेट लेवल क्विज प्रतियोगिता में अंकित को पहला स्थान
ऑनलाइन प्रतियोगिता में 21 महाविद्यालयों के 395 छात्रों ने लिया हिस्सा शिवेंद्र व अनुष्का ने परचम लहराया
बहराइच : किसान पीजी कॉलेज के रसायन विज्ञान परिषद ने ऑनलाइन स्टेट लेवल क्विज प्रतियोगिता आयोजित की गई। इसमें 51 महाविद्यालयों के 395 छात्रों ने हिस्सा लिया। कॉलेज के अंकित पांडेय को सर्वोच्च स्थान मिला। शिवेंद्र वाजपेयी व अनुष्का ने भी अपनी मेधा का परचम लहराया।
क्विज प्रतियोगिता में बीएससी द्वितीय के 24 फीसद, प्रथम के 48 व तृतीय के 15 फीसद छात्रों ने हिस्सा लिया। बीएससी प्रथम के छात्र अंकित पांडेय को प्रथम स्थान मिला। शिवेंद्र वाजपेयी को 16 अंक मिले। बीएससी द्वितीय की छात्रा अनुष्का ने भी अव्वल नंबर हासिल किए।
राष्ट्रीय पीजी कॉलेज जमुई की छात्रा आकांक्षा तिवारी को 16, रायबरेली की छात्रा गांधी फैजान को 15 अंक मिले हैं। रसायन विज्ञान परिषद के अध्यक्ष डॉ. विवेक दीक्षित ने बताया कि आठ मार्च को 50 फीसदी अंक अर्जित करने वाले छात्रों को ऑनलाइन सर्टिफिकेट वितरित किया जाएगा। डॉ. आलोक सिंह, आनंद पांडेय व आलोक द्विवेदी की देखरेख में प्रतियोगिता कराई गई।
वाद-विवाद प्रतियोगिता
बहराइच : किसान पीजी कॉलेज जंतु विज्ञान परिषद ने वाद-विवाद प्रतियोगिता कराई। इंपैक्ट ऑफ लॉकडाउन ऑन ह्यूमन हेल्थ एंड इनवायरमेंट विषय पर हुई, प्रतियोगिता में सुरभि सिंह प्रथम, रमेश यादव द्वितीय, क्षमता त्रिपाठी को तीसरा स्थान मिला। ज्योति पांडेय, मानवी पांडेय, नैंसी गुप्ता ने भी बेहतर प्रदर्शन किया। विभागाध्यक्ष डॉ. अंजनी कुमार शुक्ल, डॉ.एससी शुक्ल, डॉ. प्रभात सिंह, डॉ. सत्यभूषण सिंह मौजूद रहे। सड़क की सफाई कर छात्राओं ने स्वच्छता का दिया संदेश
बहराइच : महिला महाविद्यालय के राष्ट्रीय सेवायोजना के स्वयंसेवकों ने शेखदहीर में शिविर लगाया। यहां सड़कों की साफ-सफाई कर स्वच्छता के प्रति ग्रामीणों को जागरूक किया। चौपाल लगाकर रक्तदान को लेकर फैले भ्रम को भी दूर किया गया। डॉ. अमृता मिश्रा, डॉ. रीमा शुक्ला, डॉ. रामदेव चातक, डॉ. सीमा यादव, मधुबाला, गरिमा राय, कमल नवीन मौजूद रहे। किसान का लाल बना अफसर, गांव में खुशी
हुजूरपुर : ब्लॉक क्षेत्र के ग्राम सिंहपुर के आनंद सिंह ने लोकसेवा आयोग की पीसीएस परीक्षा में सफलता अर्जित की है। उनका चयन मजिस्ट्रेट सेवा में हुआ है। आनंद के पिता किसान हैं। प्रदेश में 53वीं रैंक हासिल करने वाले आनंद के पिता मधुरेश सिंह बताते हैं कि उन्हें बेटे के अफसर बनने का भरोसा था। खेती-किसानी के बल पर उन्होंने आनंद को अच्छी शिक्षा दिलाई। प्रारंभिक शिक्षा हुजूरपुर के ज्ञान विद्या मंदिर से अर्जित किया। काशी हिदू विश्वविद्यालय बनारस से स्नातक करने के बाद वह दिल्ली तैयारी करने के लिए चले गए। दूसरे प्रयास में उन्होंने यूपीपीसीएस परीक्षा उत्तीर्ण की है। उनकी सफलता से न केवल घर, बल्कि गांव में खुशियां छाई हैं।