आधार की अनिवार्यता ने नोटबंदी को भी कर दिया फेल
लोगों के सामने मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। बैंक व डाकघरों में आधार बनवाना व संशोधन की प्रक्रिया सरकारी झंझावतों में उलझी हुई है। इन दिनों नोटबंदी जैसी तस्वीर हर बैंक व डाकघरों पर देखी जा सकती है। आधार की अनिवार्यता के चलते बच्चों को स्कूलों में दाखिला अटका हुआ है। गरीबों योजनाओं से वंचित हो रहे हैं। बुजुर्गों को पेंशन की दरकार है। बच्चे हो बुजुर्ग या फिर महिलाएं। छटपटाहट का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सुबह से ही लंबी लाइनें शुरू हो जाती हैंजो समय समाप्त होने तक नहीं टूटती है। बमुश्किल एक बैंक व डाकघर से 10 ही लोगों का कार्ड बन पा रहा है। अन्य को अगले दिन आनी
संसू, बहराइच : आधार यानी केंद्र सरकार की ओर से देश के नागरिकों को जारी किया गया विशेष पहचान पत्र। जिले के नागरिकों के लिए यह पत्र हासिल करना व पत्र में अंकित खामियों को दूर करवा पाना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। बैंकों व डाकघरों में सुबह लगी लाइन दिन भर नहीं टूट रही है। आधार के चलते बच्चों का स्कूल में प्रवेश नहीं हो रहा तो गरीबों का निवाला छिन रहा है। आधार के धार की वार से यहां की आवाम पूरी तरह घायल हो गई है।
केंद्र सरकार के आधार को लेकर बदले पैमाने ने लोगों के सामने मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। बैंक व डाकघरों में आधार बनवाना व संशोधन की प्रक्रिया सरकारी झंझावतों में उलझी हुई है। इन दिनों नोटबंदी जैसी तस्वीर हर बैंक व डाकघरों पर देखी जा सकती है। आधार की अनिवार्यता के चलते गरीब योजनाओं से वंचित हो रहे हैं। बुजुर्गों को पेंशन की दरकार है। बच्चे हो, बुजुर्ग या फिर महिलाएं। छटपटाहट का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सुबह से ही लंबी लाइने लगनी शुरू हो जाती हैं, जो समय समाप्त होने तक नहीं टूटती है। बमुश्किल एक बैंक व डाकघर से 10 ही लोगों का कार्ड बन पा रहा है। अन्य को अगले दिन आने की तारीख दे दी जाती है। यह हाल तब है, जब डीएम शंभु कुमार भी आधार को लेकर बैंक व डाकघरों के अधिकारियों को चेतावनी दे चुके हैं। 32 बैंक व 15 डाकघर अधिकृत एलडीएम बलराम साहू ने जिले में 32 बैंक व 15 डाकघरों में आधार बनवाने व संशोधन के लिए शासन से ही एजेंसी नामित की गई है, लेकिन कौन सी एजेंसी को काम मिला है, मॉनीटरिग की जिम्मेदारी किसके जिम्मे हैं। इससे वे भी अनजान हैं। सुबह 10 से पांच तक का है समय बैंक व डाकघर खुलने व बंद होने तक आधार का भी कार्य निर्धारित किया गया है। शायद ही कोई बैंक व डाकघर होंगे, जहां समय से आधार बनाने का काम शुरू होता होगा। अक्सर 11 बजे कर्मचारी पहुंचते हैं। काम शुरू हुआ तो दस्तावेज का हवाला देकर घंटो लाइन में खड़े लोगों को वापस कर दिया जाता है। कहीं मशीने ठप तो कहीं नहीं आते ऑपरेटर एसडीएफसी बैंक में बुधवार को लोगों की लंबी लाइन लगी रही। यही नहीं कहीं मशीन खराब होने, ऑपरेटर न पहुंचने से भी लोग वापस लौटते रहते हैं। शहर के बक्शीपुरा निवासी मंगल प्रसाद व इमामगंज के मुहम्मद सैफ बताते हैं कि बच्चे के नाम में गलती हो गई है। सुधार के लिए एक माह से दौड़ रहे हैं।
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