280 नन्हे घड़ियालों ने प्रकृति की गोद मे खोली आंखे
सात घोसलों से सुरक्षित निकले 280 घड़ियालों के बचे
बहराइच : वन्यजीव प्रेमियों के लिए सुखद अहसास दिलाने वाली खबर है। हिमालय की तलहटी में बहने वाली गेरूआ नदी में घडियालों का कुनबा बढ़ गया है। रविवार को गेरूआ नदी के रेतीले टीलों पर मादा घड़ियाल द्वारा बनाए गए घोसलों में से सात घोसले में अंडो से 280 बच्चो के सुरक्षित निकलने पर उन्हें गेरूआ नदी में छोड़ा गया।
कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग के कतर्निया रेंज में बहने वाली गेरुआ नदी के रेत के टीलों पर मादा घड़ियालों ने 36 घोंसले बनाकर अंडे दिए थे। इन अंडों की सुरक्षा के लिए वनकर्मियों की टीम दिन रात निगरानी कर रही थी। 75 दिन से लेकर 80 दिन में इन अंडो से बच्चे निकलने की प्रक्रिया होती है। इस बार गेरुआ नदी के तट पर घोसलों में दिए गए अंडो से 73 दिन में ही घड़ियालों के बच्चे निकलना शुरू हो गए। कतर्निया रेंजर पीयूष मोहन श्रीवास्तव ने बताया कि घड़ियालों के अंडो से निकलने वाले बच्चों को गेरूआ नदी में छोड़ा गया है। उप प्रभागीय वनाधिकारी यसवंत ने बताया कि अब तक सात घोसलों से तकरीबन 280 बच्चे बाहर आ चुके है। उन्होने बताया कि अभी 29 घोसलों से निकलने वाले बच्चों को सुरक्षित नदी में पहुंचने तक वनकर्मियों की टीम रेत के टीलों पर मुस्तैद है।