खूब हुए वादे, नहीं दिखे इरादे
बहराइच : क्षेत्र के विकास के नाम पर वोट मागने वाले जनप्रतिनिधि एक बार फिर वोट को लेकर आम आदमी के दरव
बहराइच : क्षेत्र के विकास के नाम पर वोट मागने वाले जनप्रतिनिधि एक बार फिर वोट को लेकर आम आदमी के दरवाजे पर दस्तक देने की तैयारी में है। कैसरगंज विधान सभा क्षेत्र में विकास की गंगा बहाने का वादा हकीकत में नहीं बदल पाया। क्षेत्र के दर्जनों मजरे विद्युत विहीन है। रसूलपुर घाट का पुल टूटा हुआ है। सड़को का बुरा हाल है। कस्बे में जलनिकासी के लिए नाला निर्माण का वादा किया गया था, अभी तक पूरा नहीं हो सका। कस्बे की गालियों में घरों का गंदा पानी भरा रहता है। स्ट्रीट लाइटें शोपीस बनकर रह गयी है। आग की लपटों को बुझाने के लिए स्थायी फायरस्टेशन अभी भी दूर की कौड़ी बना हुआ है। ढ़ाई दशक से अधिक के सियासी सफर में माननीय का कद तो बढ़ता गया लेकिन क्षेत्र में सुविधाएं कद की तरह नहीं बढ़ सकी।
बदरंग हो गयी है कैसरगंज कस्बे की तस्वीर
कैसरगंज कस्बे की हालत बेहद खस्ता है। कस्बे की स्ट्रीट लाइटें रोशनी बिखेरने में फेल है। जगह- जगह लगे कूड़े के ढेर से उठने वाली दुर्गंध से राहगीर परेशान है। अतिक्रमण की समस्या कैंसर का रूप धारण किये हुए है। नालियां कूड़े से पटी पड़ी है। बस स्टाफ पर कोई बैठने की व्यवस्था नहीं है। जल निकासी की समस्या दशकों से है।समस्याओं के मकड़जाल में उलझे इस कस्बे को जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा की नजर लग गयी है।
गांव में बिजली का इंतजार
कहने को तो एक दशक से गांवों में उजाले के लिए राजीव गांधी विधुतीकरण योजना चल रही है। लेकिन क्षेत्र के श्रीदत्तपुरवा, गोड़ियनपुरवा, गोड़हिया नंबर दो, भगहर, गुलईनपुरवा गांववासी अभी भी बिजली आने का इंतजार कर रहे है।
शुद्ध पेयजल का रोड़ा बना रिबोर
कैसरगंज क्षेत्र के 104 हैंडपंप काफी पुराने है। यह आएं दिन खराब हो जाते है। इसके साथ 24 ऐसे हैंडपंप है जो रिबोर का इंतजार कर रहे है। ग्राम पंचायत से ब्लॉक और मुख्यालय तक कागजों पर ही साफ पेयजल की कवायद की गई।
विधायक ने किया वादा
1- कैसरगंज की सड़कों की मरम्मत कराएंगे।
2- विद्युत व्यवस्था में होगा सुधार ।
3- गांव गांव में स्कूल खुलवाकर शिक्षण व्यवस्था में गुणात्मक सुधार।
4- जल निकासी के लिए नाला बनवाने का वादा।
5 -पात्रों को पेंशन व आवास ।
6- अग्निशमन केंद्र की स्थापना को पुरजोर पहल।
वादों की हकीकत
1- क्षेत्र की आधा दर्जन से अधिक सड़कें जर्जर
2- अग्निशमन केंद्र की नहीं हो सकी स्थापना
3- रिबोर नहीं हुए हैंडपंप
4- नाले का नही हो पाया निर्माण
5- शिक्षा के हालात जस के तस
6- कई गांवों में बिजली के नहीं खंभे
उपलब्धियां
कैसरगंज विधायक मुकुट बिहारी वर्मा ने बताया कि इस कार्यकाल में तीन बड़े पुल जिनकी लागत 30 लाख रूपये से अधिक थी उसे बनवाया। सात विद्यालयों को भवन दिया। 150 हैंडपंप लगवाये व 300 हैंडपंप रिबोर करवाया। 100-800 मीटर के बीच लगभग 17 किलोमीटर खडंजा पूरे विधानसभा क्षेत्र में लगवाया। 16 किमी से अधिक सीसी रोड विधानसभा क्षेत्र में आम जनता की सुविधा के लिए बनवायी। 32 सोलर लाइटें लगवाई। 20 सोलर लाइटे दो सांसदों के कोटे से लगवायी।
विधायक का सियासी सफर
आरएसएस से जुड़ कर राजनैतिक करियर बनाने वाले मुकुट बिहारी वर्मा भाजपा के जिला महामंत्री व जिलाध्यक्ष बने। वर्ष 1991 मे मंडी परिषद के चेयरमैन बने। इसके पश्चात वे विभाग सयोंजक तथा प्रदेश सहकारिता प्रकोष्ठ के अध्यक्ष भी रहे। 1996 में पहली बार भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े लेकिन बहुत कम मतों से चुनाव हार गये। 2002 के चुनाव में वे फिर पार्टी के टिकट पर मैदान में उतरे, जनता का विश्वास जीत कर विधानसभा में कदम रखा। 2007 के चुनाव में शिकस्त का सामना करना पड़ा। 2012 में वे फिर कैसरगंज से विधायक चुने गये। वर्तमान में पार्टी ने अवध क्षेत्र के अध्यक्ष का दारोमदार भी सौंप रखा है।
परीक्षकों ने दिए अंक
विजय मिश्र शिक्षक 5/10 राकेश मौर्या दवा व्यवसायी 3/10 रामसमुझ यादव अधिवक्ता 3/10 अनिल शुक्ला प्रधान फखरपुर 5/10