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कृषि वैज्ञानिकों ने दी जलवायु के अनुरूप खेती की सीख

बहराइच : राष्ट्रीय जलवायु समुत्थानशील कृषि पर आधारित राष्ट्रीय पहल परियोजना 'निकरा' के तहत कृषि विज्

By Edited By: Published: Sat, 28 Mar 2015 11:35 PM (IST)Updated: Sat, 28 Mar 2015 11:35 PM (IST)
कृषि वैज्ञानिकों ने दी जलवायु के अनुरूप खेती की सीख

बहराइच : राष्ट्रीय जलवायु समुत्थानशील कृषि पर आधारित राष्ट्रीय पहल परियोजना 'निकरा' के तहत कृषि विज्ञान केंद्र ने बाढ़ प्रभावित गांव बौंडी में कृषक गोष्ठी का आयोजन किया। कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को जलवायु के अनुरूप खेती करने, जैविक खादों का प्रयोग, बोआई के लिए अच्छे बीज का चुनाव, जीरो लागत पर खेती करने सहित अन्य जानकारियां दी। उन्नतिशील किसानों को प्रमाणपत्र सौंपा गया।

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घाघरा की लहरों को चकमा देकर बेहतर उत्पादन प्राप्त होने के ²ष्टिगत भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली तथा केंद्रीय शुष्क कृषि एवं अनुसंधान परिषद हैदराबाद ने संयुक्त रूप से बाढ़ प्रभावित गांव बौंडी में 'निकरा' परियोजना लागू की है।

जिला कृषि अधिकारी धर्मराज ¨सह ने किसानों से कहा कि रासायनिक उर्वरकों का कम से कम प्रयोग करें। रसायन का प्रयोग मिट्टी की उर्वरा शक्ति को घटाता है। उत्पादित अनाज भी सेहत पर विपरीत असर डालता है। उन्होंने कहा कि इसके लिए जरूरी है कि किसान जैविक खादों का प्रयोग करें। कृषि विज्ञान केंद्र के कार्यक्रम समन्वयक डॉ.ओपी वर्मा ने किसानों से कहा कि बोआई के लिए ऐसी फसलों का चयन करें जो बाढ़ पूर्व तैयार हो सकें। बाढ़ क्षेत्र में धान के ऐसे बीज का चयन किया जाए, जिसमें बाढ़ का पानी सहने की क्षमता हो। डॉ. रसूल मुहम्मद ने पशुपालन किए जाने पर बल दिया। डॉ.एमबी ¨सह, डॉ.वीपी ¨सह, डॉ.महेन्द्र विक्रम ¨सह, रेनू आर्या, सरोज ¨सह ने भी संबोधित किया। इस मौके पर कृषक कुलेराज ¨सह, कौशल गुप्त, रामनरेश गुप्त, जगतजीत ¨सह ननके, विवेक सहित अन्य मौजूद रहे।


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