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घर की दहलीज पार करने से कतराती हैं बेटियां

यह किसी से छिपा नहीं है कि खेल में बागपत की बेटियों की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनी हुई है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 18 Oct 2020 11:50 PM (IST)Updated: Sun, 18 Oct 2020 11:50 PM (IST)
घर की दहलीज पार करने से कतराती हैं बेटियां
घर की दहलीज पार करने से कतराती हैं बेटियां

बागपत, जेएनएन। यह किसी से छिपा नहीं है कि खेल में बागपत की बेटियों की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धाक है। पुलिस में भी यहां की बेटियां अपराधियों को धूल चटा रही हैं। अब यहां हैरान करने वाली बात यह है कि एक सर्वे रिपोर्ट बताती है कि यहां बेटियां खुद को असुरक्षित महसूस कर घर की दहलीज पार करने से कतराने लगी हैं।

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लखनऊ विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डाक्टर रोली मिश्रा के नेतृत्व में छात्रा निधि तिवारी, प्रिया शुक्ला, संजना श्रीवास्तव, शिवानी तिवारी ने रविवार को बागपत में पत्रकार वार्ता की। बताया कि राष्ट्रीय महिला आयोग दिल्ली के प्रोजेक्ट के तहत 15 से 18 अक्टूबर तक नवोदय लोक चेतना कल्याण समिति बागपत के महासचिव देवेंद्र धामा के सहयोग से ग्राम खट्टा प्रहलादपुर, हरियाखेड़ा, फुलैरा, सैदपुर कलां, सांकरौद आदि गांव के 180 घरों का सर्वे किया। इनकी सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक बागपत में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के प्रति लोग जागरूक तो हैं लेकिन चाह बेटों की अधिक है। हर कोई दो बेटे चाहता है। घरेलू हिसा, दहेज प्रथा अधिक है। लड़का-लड़की की शादी देर से होती है। सरकारी नौकरी वालों से बेटियों की शादी करना ज्यादा पसंद करते हैं। सर्वे रिपोर्ट की मानें तो सुरक्षा के अभाव में बेटियां घर से निकलने से कतराती हैं। पुलिस सहयोग न मिलने पर बेटियां कुछ घटनाओं को उजागर नहीं करतीं। रोली ने बताया कि वर्ष 2011, 2016 में भी सर्वे किया था। तब की अपेक्षा बेटियों के प्रति कुछ सोच बदली है।

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इन्होंने कहा

ऐसे किसी सर्वे से इत्तेफाक नहीं रखती। बागपत की बेटिया बहादुर हैं जिसे दुनिया ने देखा है। खेल का मैदान हो या शिक्षा का, हर जगह बेटियों ने जिले का झंडा बुलंद किया है।

-सर्वेश तोमर, असिस्टेंट कमांडेंट सीआरपीएफ,किशनपुर गांव निवासी

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दो दशक से बागपत की बेटियों ने अपनी बहादुरी के दम पर मंजिल हासिल की है। यहां की बेटियां डरने वाली नहीं है। हम ऐसे सर्वे को खारिज करते हैं।

-सीमा तोमर, अंतरराष्ट्रीय निशानेबाज, गांव जौहड़ी

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लखनऊ की रिसर्च टीम ने क्या सर्वे किया इसकी जानकारी नहीं है लेकिन बागपत में बेटियां सुरक्षित है। पुलिस महिलाओं को जागरूक कर रही है।

-अभिषेक सिंह, एसपी


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