Move to Jagran APP

समय से उपचार नहीं मिलने पर सड़क पर दम तोड़ती हैं जिदगियां

यदि सड़क हादसे में घायल मरीज को समय से उपचार मिल जाएं तो उनकी जान बच जाए। वहीं जिले में सड़क हादसों में घायल लोगों को समय से उपचार नहीं मिलने के कारण कई जिदगियां सड़क पर ही दम तोड़ देती है। स्वास्थ्य सेवाओं का हाल भी दयनीय स्थिति में है। गंभीर रूप से घायल मरीजों को रेफर करने की परंपरा यहां पर है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Jun 2019 12:04 AM (IST)Updated: Sun, 23 Jun 2019 06:28 AM (IST)
समय से उपचार नहीं मिलने पर सड़क पर दम तोड़ती हैं जिदगियां
समय से उपचार नहीं मिलने पर सड़क पर दम तोड़ती हैं जिदगियां

बागपत, जेएनएन। यदि सड़क हादसे में घायल मरीज को समय से उपचार मिल जाए, तो उनकी जान बच जाए। वहीं जिले में सड़क हादसों में घायल लोगों को समय से उपचार नहीं मिलने के कारण कई जिदगियां सड़क पर ही दम तोड़ देती हैं। स्वास्थ्य सेवाओं का हाल भी दयनीय स्थिति में है। गंभीर रूप से घायल मरीजों को रेफर करने की परंपरा यहां पर है। यहीं कारण है कि जिला अस्पताल या अन्य किसी सरकारी अस्पताल से घायल मरीज मेरठ या दिल्ली के अस्पताल तक पहुंचने के लिए भी मौत से लड़ता है। कई तो अस्पतालों के गेट पर ही दम मोड़ देते है।

loksabha election banner

करीब एक साल पहले यानि मई 2018 में ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस वे पर शुभारंभ हुआ, तो एक्सप्रेस के अधिकारियों ने एक्सप्रेस वे पर होने वाले हादसों में घायल के बारे नहीं सोचा। ना कोई ट्रामा सेंटर बनाया और न ही घायलों के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था की। पूरी जिम्मेदारी जिला प्रशासन पर थोप दी। बागपत प्रशासन ने घायलों को अस्पताल ले जाने के लिए एक्सप्रेस वे पर दो एंबुलेंस तैनात की है। एक्सप्रेस वे पर बागपत प्रशासन व पुलिस ही घायलों को 108 एंबुलेंस के जरिए जिला अस्पताल पहुंचाती है, जो एक्सप्रेस वे से करीब 14 किमी दूर है। जिला अस्पताल में भी घायलों को रेफर किया जाता है, वो भी 40 किमी दूर दिल्ली के जीटीबी अस्पताल या 55 किमी दूर मेरठ मेडिकल कालेज। जब तक घायल मेरठ या दिल्ली अस्पताल पहुंचते है, तब तक अधिकांश घायलों की मौत हो जाती है। जिले के सरकारी अस्पतालों में न तो कोई हड्डी रोग विशेषज्ञ है और न ही हृदय रोग विशेषज्ञ। जिला अस्पताल में ट्रामा सेंटर बना तो है, लेकिन चालू नहीं है। इससे ट्रामा सेंटर के अंदर व बाहर झाड़ियां है। सीएमओ डा. सुषमा चंद्रा ने बताया कि जिले में हड्डी रोग विशेषज्ञ व हृदय रोग विशेषज्ञ की तैनाती करने के लिए शासन को कई बार पत्र लिखा जा चुका है। उधर डीएम पवन कुमार ने बताया कि एक्सप्रेस वे पर सड़क हादसों में घायल मरीजों को अस्पताल पहुंचाने के लिए दो एंबुलेंस की तैनाती की गई है। साथ ही अस्पतालों में बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के लिए शासन को भी पत्र लिखा गया है।

--ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे पर सरफाबाद के निकट सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटना होती है। हादसों की मुख्य वजह वाहनों की तेज स्पीड है।

--ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस वे से बागपत स्थित जिला अस्पताल की दूरी 14 किमी है। वहीं बागपत जिला अस्पताल से दिल्ली के जीटीबी अस्पताल की दूरी करीब 40 किमी व मेरठ मेडिकल कालेज की दूरी करीब 55 किमी है।

--जनपद में अधिकांश हादसे दोपहिया वाहनों के होते है। ट्रक या अन्य वाहन उनको टक्कर मार देते है। 365 दुर्घटनाओं में से करीब 225 दुर्घटना दुपहिया वाहनों की है।

--------

दुर्घटना घायल मौत

365 310 187

( पुलिस रिकार्ड के मुताबिक 1 जनवरी 2018 से 31 मई 2019 तक)

-------


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.