सत्यवीर ने इम्यूनिटी बढ़ाने वाले पेड़-पौधे लगाने की ठानी
औषधीय पौधे की वजह से लोगों की कोरोना से सुरक्षा हुई है। इम्यूनिटी तो बढ़ी ही पर्यावरण को भी फायदा हुआ।
जेएनएन, बागपत: औषधीय पौधे की वजह से लोगों की कोरोना से सुरक्षा हुई है। इम्यूनिटी तो बढ़ी है कि उसके साथ पर्यावरण भी संरक्षित हुआ है। अब पर्यावरण प्रेमी आक्सीजन वाले पेड़-पौधों के साथ-साथ औषधीय पौधे भी लगा रहे हैं। धरा पर लगे ये पौधे अब फल भी दे रहे है और औषधि भी।
अग्रवाल मंडी टटीरी के रहने वाले ठाकुर सत्यवीर सिंह ने कोरोना काल में लोगों को हुई परेशानी को देखते हुए ठाना है कि अब आक्सीजन देने वाले पेड़-पौधों के साथ-साथ औषधीय पेड़-पौधे भी लगाएंगे। उनका मानना है कि औषधीय पौधे से लोगों की कोरोना जैसे जानलेवा वायरस से सुरक्षा हुई है। वहीं इनके सेवन से बीमारियों तो छू नहीं पाई, जो बीमारियां शरीर में थी वो भी ठीक हुई है। अब वह सार्वजनिक स्थानों पर, स्वास्थ्य केंद्रों के आस-पास आक्सीजन देने वाले पौधे जैसे पीपल, बरगद लगा रहे हैं। वहीं स्कूल, कालेज और गली-मोहल्लों में खाली पड़ी जगहों पर औषधीय पौधे लगा रहे हैं। ये पौधे सेहत के सुधारने के लिए बेशकीमती है। इनका नियमित सेवन से बीमारियों दूर भाग जाती है और इम्यूनिटी बढ़ती है।
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लगाए औषधीय गुणों वाले पेड़-पौधे
-- ठाकुर सत्यवीर सिंह बताते हैं कि पत्थरचट्टा, गिलोय, तुलसी, मरवा के पौधे विभिन्न स्थानों पर लगाए हैं। शरीर में विभिन्न तरह की बीमारियों का खात्मा कर देते है। गिलोए का काढ़ा जहां इम्यूनिटी बढ़ाता है, वहीं पत्थरचट्टा कई प्रकार के प्राकृतिक और औषधीय गुणों से भरपूर होता है। शरीर में किसी तरह के बाहरी रोग जैसे घाव, खून का बहना, जलन, फोड़े व फुंसी और किडनी की पत्थरी को निकाल देता है। तुलसी से खांसी, जुकाम, बुखार, गले में खराश दूर होती है। जामुन से पेट के विभिन्न रोग दूर होते है। यह ही काम अमरूद भी है। पत्थरबेल भी औषधीय गुणों से भरा है। पीपल और बरगद के पेड़-पौधे आक्सीजन वाले हैं।