ओपीडी में डाक्टर नहीं, प्राइवेट में इलाज को मजबूर
जिला अस्पताल में मरीजों को डाक्टर ओपीडी में नहीं मिले है जिस वजह से उपचार नहीं मिल रहा है.
बागपत, जेएनएन। जिला अस्पताल में मरीजों को डाक्टर ओपीडी में नहीं मिले है, जिस वजह से उपचार नहीं करा पाए। दर्जनों मरीजों ने पर्ची तो बनवा ली, लेकिन डाक्टर न मिलने से प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों को लेकर चले गए। ऐसा हाल अब जिला अस्पताल में आम हो गया है।
बुधवार को जिला अस्पताल में सात बजे से मरीजों की लाइन लगनी शुरू हो गई थी। जल्दी इस वजह पहुंचे ताकि जल्दी नंबर आए। मरीजों का जल्दी आना व्यर्थ गया, क्योंकि ओपीडी में उन्हें डाक्टर नहीं मिले है। दोपहर में भी ऐसा ही नजर जिला अस्पताल में बना हुआ है। मजबूर हुए लोगों को मरीजों को प्राइवेट में भर्ती कराने के लिए लेकर चले गए। ओमपाल, देवेंद्र, शिवपाल, देवी सिंह, हरेंद्र आदि ने प्रशासन से और स्वास्थ्य विभाग से मांग की है कि जिला अस्पताल में डाक्टरों का नियमित रूप से मरीजों का उपचार करना सुनिश्चित किया जाए, ताकि समय लोगों को स्वास्थ्य लाभ मिल जाए।
सीएमएस डा. बीएलएस कुशवाह ने कहा कि सभी डाक्टर उपस्थित थे। मरीज उल्टे-सीधे आरोप लगाते है। लगातार मरीजों का उपचार करने कें बाद डाक्टर कुछ समय के लिए घूमने चले गए होंगे। वरना लगातार ओपीडी में बैठकर मरीजों का उपचार करते है। बेटे और बेटियों की पोषण में न करें भेदभाव: मीना कुमारी
उप्र राज्य महिला आयोग की सदस्य मीना कुमारी ने पिलाना में पोषण चौपाल का आयोजन कर अभिभावकों से कहा कि बेटे ओर बेटियों के पोषण में भेदभाव न करें। महिलाओं की गोद भराई की रस्म भी निभाई।
उन्होंने गर्भवती धात्री एवं बच्चों के पोषण के संबंध में विस्तार पूर्वक जानकारी देते हुए कहा कि अच्छा पोषण करने से बच्चे मजबूत और निरोगी होंगे। माता बच्चों पर विशेष ध्यान रखें। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ईमानदारी के साथ बच्चों को अपने समझकर काम करें।
बाल विकास परियोजना अधिकारी शीतल वर्मा के काम की प्रशंसा की। महिलाओं की गोदभराई की। इस दौरान जिला कार्यक्रम अधिकारी विपिन मैत्रेय ने पोषण संबंधी जानकारी विस्तार से दी है। जिला प्रोबेशन
अधिकारी तूलिका शर्मा, सीडीपीओ जानकी देवी सीडीपीओ रीता शर्मा, पूनम और अंजलि मौजूद रहीं। वहीं
सिसाना और सरूरपुरकलां गांव में भी पोषण अभियान के तहत गोद भराई कार्यक्रम संपन्न हुए।