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हौसले से नाप रहीं जीवन की कठिन डगर

विधवा होना वाकई किसी अभिशाप से कम नहीं। ..जवानी में पति की मौत से मुसीबत का पहाड़ टूट पड़ा फिर भी हार नहीं मानी। परिवार की जिम्मेदारी उठाने को अब कमलेश एक स्कूल में नौैकरी कर रही हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 23 Jun 2021 07:20 PM (IST)Updated: Wed, 23 Jun 2021 07:20 PM (IST)
हौसले से नाप रहीं जीवन की कठिन डगर
हौसले से नाप रहीं जीवन की कठिन डगर

बागपत, जेएनएन: विधवा होना वाकई किसी अभिशाप से कम नहीं। ..जवानी में पति की मौत से मुसीबत का पहाड़ टूट पड़ा। हंसती-खेलती दुनिया उजड़ चुकी थी। दो बच्चों की पढ़ाई और बीमार विधवा सासू अम्मा के इलाज का जिम्मा उन पर आ गया। परिवार में और कोई कमाने वाला नहीं था और इतना पैसा नहीं था कि कारोबार कर सकूं। रिश्तेदारों के आगे हाथ फैलाना गवारा नहीं था। एक निजी स्कूल में बच्चों को पढ़ाने की नौकरी करने लगी तो पीठ पीछे कई लोग तंज कसने लगे, पर हिम्मत नहीं हारी। लोगों का काम है कहना.. वे तो कहेंगे। कुछ ऐसा दर्द बयां किया बागपत की कमलेश ने।

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घर में नहीं मिला प्रवेश

-निनाना गांव की कुलदीप देवी ने चंद रोज पहले ही डीएम के यहां दिए शिकायत पत्र में बताया कि 31 मई को उनके पति की मौत हो गई, लेकिन ससुरालीजनों ने उन्हें घर में घुसने ही नहीं दिया। उनकी संपत्ति पर कब्जा कर लिया, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी है।

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नहीं बना मकान

सिलाना गांव की शहनाज को ही लीजिए.. जो पति की मौत के बाद परिवार का बोझ उठाने को विवश हैं। गरीबी इतनी है कि जिम्मेदारी उठाना कठिन हो रहा है। टूटा-फूटा मकान है। शहनाज इकलौती विधवा नहीं हैं, बल्कि 250 विधवाओं को आशियाना बनाने को मदद का इंतजार है। डूडा की परियोजना अधिकारी रजनी पुंडीर ने कहा कि उक्त विधवाओं को जल्द ही मकान बनाने के लिए पैसा मिलेगा।

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पेंशन का इंतजार

-धनौरा की सीमा और बड़ौत की ऊषा को विधवा पेंशन नहीं मिली। हालांकि उनकी पेंशन मंजूर हो चुकी, लेकिन अभी पैसा आना शुरू नहीं हुआ। वहीं 100 विधवाओं के पेंशन आवेदन व पारिवारिक लाभ योजना से 30-30 हजार रुपये देने को 157 विधवाओं के आवेदन धूल फांक रहे हैं।

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हजारों विधवाओं की

राह आसान

-सरकार विधवा महिलाओं की मदद करने में कसर नहीं छोड़ रही है। जिले में 13183 विधवाओं को हर माह 500 रुपये पेंशन मिल रही। वहीं 52 विधवाओं को पारिवारिक लाभ योजना से 30-30 हजार रुपये दिए। प्रधानमंत्री आवास योजना से 650 विधवाओं के ढाई-ढाई लाख रुपये देकर उनके आशियाने का सपना पूरा किया गया।

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-विधवा पेंशन के दस-बीस आवेदन ही अधिकारियों के स्तर पर लंबित होंगे, जिनका निस्तारण कराकर पेंशन मंजूर कराई जाएगी।

-तूलिका शर्मा, जिला प्रोबेशन अधिकारी


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