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दस गांवों ने बढ़ाया बागपत का मान

साफ है कि बागपत का सूबे में मान बढ़ाने में उक्त गांवों का अतुलनीय योगदान है। यदि ये गांव स्वच्छता मानकों पर खरे नहीं उतरते तो बागपत की रैंक नीचे चली जाती।

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Sep 2018 09:23 PM (IST)Updated: Tue, 18 Sep 2018 09:23 PM (IST)
दस गांवों ने बढ़ाया बागपत का मान
दस गांवों ने बढ़ाया बागपत का मान

जागरण संवाददाता, बागपत :

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जनपद बागपत को स्वच्छता सर्वे की रैंक में सूबे में 7वां स्थान दिलाने में दस गांवों का योगदान है। यदि ये गांव मानक पर खरे नहीं उतरते तो पूरा जनपद ही पीछे चला जाता। भारत सरकार से नामित स्वतंत्र एजेंसी ने बागपत जनपद के आरिफपुर खेड़ी, बामनौली, भड़ल, भागोट, घिटोरा, सुभानपुरक, मुकंदपुर ओगटी, रोशनगढ़ और गुराना गांवों में प्राथमिक विद्यालयों, आंगनबाड़ी केंद्रों, हाटबाजार, धार्मिक स्थलों, पंचायत भवनों व अन्य सार्वजनिक भवन में शौचालय उपलब्धता तथा सफाई देखी।

गांव में शौचालयों और उनके उपयोग करने की स्थिति, ठोस एवं द्रव्य अपशिष्ट निस्तारण, समूह बैठक आयोजन व ऑनलाइन फीड बैक और गांव के बा¨शदों के आधार पर स्वच्छता रैंक जारी की गई। साफ है कि बागपत का सूबे में मान बढ़ाने में उक्त गांवों का अतुलनीय योगदान है। यदि ये गांव स्वच्छता मानकों पर खरे नहीं उतरते तो बागपत की रैंक नीचे चली जाती।

डीपीआरओ ने कहा कि उक्त दस गांवों में से जो स्वच्छता में अव्वल होगा, उसे महात्मा गांधी जी की जयंती पर दो अक्टूबर को सरकार पुरस्कार दे सकती है। गौरतलब है कि बागपत को खुले में शौच मुक्त होने पर चौथा स्थान मिला था। बड़ी बात है कि बागपत के 95 फीसद शौचालयों काी जियो टै¨गग हो चुकी है। जियो टैंगिग में बागपत का सूबे में 8वां नंबर है।


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