मुफलिसी की बंदूक से चुनौतियों पर निशाना
मुफलिसी और मजबूरियां किसी राह को कठिन तो कर सकती हैं लेकिन जज्बा और जुनून की पतवार से हर चुनौती से पार करना मुमकिन है। इसकी बानगी है शूटर अंजलि। उधार की पिस्टल मिलनी बंद हुई तो मेहनत मजदूरी करने वाली मां ने पाई-पाई जोड़ी और बेटी के हाथ में डेढ़ लाख रुपये की पिस्टल थमा दी।
बागपत, जेएनएन।
मुफलिसी और मजबूरियां किसी राह को कठिन तो कर सकती हैं लेकिन जज्बा और जुनून की पतवार से हर चुनौती से पार करना मुमकिन है। इसकी बानगी है शूटर अंजलि। उधार की पिस्टल मिलनी बंद हुई तो मेहनत मजदूरी करने वाली मां ने पाई-पाई जोड़ी और बेटी के हाथ में डेढ़ लाख रुपये की पिस्टल थमा दी। इससे आत्मविश्वास बढ़ा तो बेटी ने भी हर चुनौती को निशाना बनाना शुरू कर दिया।
निशानेबाजों के गांव जौहड़ी निवासी गरीब परिवार की शूटर अंजलि ने तीन साल पहले गांव में बीपी सिंहल शूटिग रेंज पर अभ्यास शुरू किया। एक साल तक साथी की पिस्टल से निशाना साधा और कई पदक जीत लिए। बाद में उसने पिस्टल देने से इन्कार किया तो अंजलि ने मां सुनीता से पिस्टल दिलाने का आग्रह किया। घरों में चौका-बर्तन करने वाली सुनीता के लिए एकमुश्त इतनी रकम देना मुमकिन न था।
पाई-पाई जोड़कर उन्होंने एक लाख जोड़े। 50 हजार रुपये किसी से उधार लिए और डेढ़ लाख रुपये में बेटी को एलपी-10 पिस्टल खरीदकर दे दी। अंजलि अब इस पिस्टल से और बेहतर निशाना लगा रही हैं। अंजलि के पिता चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी चांदराम कहते हैं, अंजलि समेत छह बेटियां और एक बेटा आशीष है। वह बेटियों को आगे बढ़ाना चाहते हैं। अंजलि की उपलब्धि
-जौनपुर में हुई 18वीं यूपी स्टेट इंटर स्कूल शूटिग चैंपियनशिप में कांस्य पदक।
-दिल्ली में हुई 20वीं ऑल इंडिया कुमार सुरेंद्र इंटर स्कूल शूटिग चैंपियनशिप में रजत पदक।
-दिल्ली में आयोजित 35वीं नार्थ जोन शूटिग चैंपियनशिप में कांस्य पदक। इसके अलावा जौहड़ी में हुई महात्मा गांधी स्मृति शूटिग प्रतियोगिता में स्वर्ण, शहीद शाहमल मेमोरियल शूटिग चैंपियनशिप में रजत, इंदिरा गांधी मेमोरियल गर्ल्स शूटिग चैंपियनशिप में कांस्य, नेताजी सुभाष चंद बोस मेमोरियल शूटिग प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक लिया।
-- अंजलि अच्छी शूटर हैं। जबसे उन्होंने पिस्टल खरीदी है, उनका प्रदर्शन और बेहतर हो गया है। उनकी मेहनत और लगन से भविष्य में सकारात्मक परिणाम मिलने की पूरी उम्मीद है।
-नीतू श्योरान, साई कोच