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बंदूक से ढेर होगा वायु प्रदूषण

वायु प्रदूषण में कमी लाने को अच्छी पहल। बागपत समेत आठ जनपदों में डस्ट जनित वायु प्रदूषण फैलाने वाली निर्माण परियोजनाओं में एंटी स्मॉग गन व्यवस्था होगी। यानी निर्माण के समय एंटी स्मॉग गन से पानी की महीन बौछार होगी जिससे धूल के कण पानी में चिपक कर नीचे आएंगे और वायु प्रदूषण में कमी आने से लाखों बाशिदें चैन की सांस ले सकेंगे।

By JagranEdited By: Published: Wed, 26 Feb 2020 08:23 PM (IST)Updated: Wed, 26 Feb 2020 08:23 PM (IST)
बंदूक से ढेर होगा वायु प्रदूषण
बंदूक से ढेर होगा वायु प्रदूषण

जागरण न्यूज नेटवर्क, बागपत: वायु प्रदूषण में कमी लाने को अच्छी पहल। बागपत समेत आठ जनपदों में धूलजनित वायु प्रदूषण फैलाने वाली निर्माण परियोजनाओं में एंटी स्मॉग गन की व्यवस्था होगी। यानी निर्माण के समय एंटी स्मॉग गन से पानी की महीन बौछार की जाएगी, जिससे धूल के कण पानी में चिपक कर नीचे आएंगे और वायु प्रदूषण में कमी आने से लाखों बाशिदे चैन की सांस ले सकेंगे।

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राज्य स्तरीय पर्यावरण प्रभाव निर्धारण प्राधिकरण उप्र के सदस्य सचिव आशीष तिवारी ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में आने वाले बागपत, मेरठ, मुजफ्फरनगर, शामली, बुलंदशहर, हापुड़, गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर के डीएम को सुप्रीम कोर्ट के वृहद निर्माण परियोजनाओं में एंटी स्मॉग गन लगाने के आदेश का अनुपालन कराने को लिखा है। मकसद धूलजनित वायु प्रदूषण में कमी लाकर हवा को सांस लेने लायक बनाना है।

डीएम शकुंतला गौतम ने एडीएम, सीडीओ, लोनिवि समेत विभिन्न विभागों के अधिशासी अभियंताओं को वृहद निर्माण परियोजनाओं में एंटी स्मॉग गन की व्यवस्था कराकर रिपोर्ट देने का आदेश दिया है। बागपत में दिल्ली-यमुनोत्री हाईवे समेत कई सड़कों तथा बड़े भवनों के निर्माण के दौरान उड़ते धूल के कण और चीनी मिलों में उड़ती महीन छाई वायु प्रदूषण का अहम कारण है। गत नवंबर व दिसंबर में बागपत का एयर क्वालिटी इंडेक्स 250 से 463 तक पहुंचने से लोगों को सांस लेना मुश्किल हो गया था।

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कैसा होता है एंटी स्मॉग गन

पानी टैंक से जुड़ी एंटी स्मॉग गन एयर प्रेशर के साथ हवा 50 मीटर ऊपर तक पानी की महीन बौछार करती है। हवा में धूल के कण तथा जहरीले तत्व पानी में चिपककर नीचे आ जाते हैं। प्रदूषण बढ़ाने वाले तत्वों के सूक्ष्म कण जमीन पर आने से हवा स्वच्छ हो जती है।

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अब बरतें सावधानी

सीएचसी अधीक्षक डा. विभाष राजपूत कहते हैं कि प्रदूषण से हार्ट अटैक एवं स्ट्रोक, ब्लड प्रेशर, पैरालाइसिस और ब्रेन हेमरेज जैसी बीमारियों का खतरा रहता है। अस्थमा पीड़ितों को सांस लेना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में सावधानी बरतने की जरुरत है।


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