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गन्ना न तौलने से नाराज होकर लगाया जाम

संवाद सूत्र, दाहा (बागपत): मलकपुर गन्ना मिल के क्रय केंद्र पर सामान्य प्रजाति के गन्ना न तौले जाने

By JagranEdited By: Published: Sun, 10 Feb 2019 10:24 PM (IST)Updated: Sun, 10 Feb 2019 10:24 PM (IST)
गन्ना न तौलने से नाराज होकर लगाया जाम
गन्ना न तौलने से नाराज होकर लगाया जाम

संवाद सूत्र, दाहा (बागपत): मलकपुर गन्ना मिल के क्रय केंद्र पर सामान्य प्रजाति के गन्ना न तौले जाने से नाराज किसानों ने बामनौली गांव में बड़ौत-बुढ़ाना मार्ग जाम किया। पुलिस ने किसानों को समझा-बुझाकर कर जाम खुलवाया।

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बामनौली में मलकपुर गन्ना मिल के दो गन्ना क्रय केंद्र 'ए' व 'सी' स्थित है। रविवार को किसान मलकपुर मिल के 'ए' गन्ना क्रय केंद्र पर सामान्य प्रजाति का गन्ना लेकर पहुंचे, लेकिन क्रय केंद्र पर तैनात तौल लिपिक अजय कुमार ने गन्ना तौल करने से इंकार कर दिया। किसानों ने सुबह नौ बजे बड़ौत-बुढ़ाना मार्ग पर गन्ने से भरी ट्रैक्टर ट्राली खड़ी कर जाम लगा दिया। मार्ग के दोनों तरफ कई किमी तक वाहनों की लाइन लग गई। सूचना पर पुलिस ने मौके पर किसानों को समझाया। किसानों ने भी मलकपुर मिल के अधिकारियों से फोन पर बात की। मिल अधिकारियों ने बताया कि 'सी' गन्ना क्रय केंद्र पर गन्ना तौल कराई जा रही है। इस बात पर किसान सहमत हुए और दूसरे क्रय केंद्र पर गन्ना तौला। लगभग 12 बजे किसानों ने जाम खोल दिया। इस मौके पर राजकुमार, भूरा, रामभजन, अनुज, कृष्ण, लाल्ला, सन्नू, संजय, विरेंद्र, यादराम आदि मौजूद रहे। मलकपुर मिल के गन्ना महाप्रबंधक मुकेश कुमार मलिक ने बताया कि बामनौली के 'सी' गन्ना क्रय केंद्र पर पहले से ही सामान्य गन्ना तौला जा रहा है, लेकिन कुछ किसान जबरन 'ए' क्रय केंद्र पर गन्ना तौलने की जिद कर रहे थे, जिन्हें समझा दिया गया और किसानों ने गन्ना 'सी' क्रय केंद्र पर ही तौल कराएंगे।

किसानों को अनुदान मात्र छलावा : जयंत चौधरी

संवाद सहयोगी, बड़ौत : रालोद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों को सालाना छह हजार रुपये अनुदान की घोषणा की है, जो एक छलावा भर है। क्योंकि इसके साथ लगाई गई शर्तों पर मुट्ठीभर लोग ही खरा उतर पाएंगे और अधिकतर किसान इस योजना से वंचित ही रहेंगे। जयंत चौधरी रविवार को पूर्व युवा जिलाध्यक्ष सुरेश मलिक की बेटी सोनम के शादी समारोह में शिरकत करने बड़ौत पहुंचे थे। इस मौके पर प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि किसानों को छह हजार अनुदान देने की घोषणा उनके जख्मों पर नमक लगाने सरीखा है। कहा कि यदि सरकार की मंशा वास्तव में किसानों का भला करने की होती तो वह फसलों का मूल्य लागत से डेढ़ गुणा करती। इससे किसानों की आमदनी बढ़ती और उसकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होती। प्रदेश के गठबंधन के सवाल पर जयंत चौधरी कुछ नहीं बोले। इसके बाद वह दिल्ली के लिए रवाना हो गए।


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