कारखानों में रसायनों का स्थान लेंगे एंजाइम, नहीं निकलेगा प्रदूषित पानी
जासं, बड़ौत (बागपत) : यदि सब कुछ ठीक रहा तो आने वाले दिनों में कारखानों से प्रदूषित पानी नि
जासं, बड़ौत (बागपत) : यदि सब कुछ ठीक रहा तो आने वाले दिनों में कारखानों से प्रदूषित पानी निकलने की समस्या खत्म हो जाएगी। फैक्ट्रियों में प्रयोग होने वाले घातक रसायनों के स्थान पर वैज्ञानिक कुछ वैकल्पिक एंजाइम का उपयोग करने के शोध में जुटे हैं। प्रायोगिक तौर पर इसमें कामयाबी भी मिली है। इसके बाद कारखानों से निकलने वाले पानी का ¨सचाई के साथ-साथ पीने में भी प्रयोग हो सकेगा।
बागपत जिले के ट्योढ़ी गांव निवासी डा. रामकरण शर्मा अमेरिका में वैज्ञानिक हैं और जर्मनी, अमेरिका और सऊदी अरब में काम कर रहे हैं। वह अफ्रीका एवं एशिया के बीच स्थित लाल सागर में विशिष्ट एंजाइम पर शोध कर रहे हैं। डा. शर्मा का दावा है कि आने वाले समय में कारखानों में रसायनों के स्थान पर इन्हीं एंजाइम का प्रयोग होगा। इसके बाद कारखानों से रसायनयुक्त पानी नहीं निकलेगा।
उन्होंने बताया कि उन्होंने वैज्ञानिकों के साथ लाल समुद्र में दो किमी नीचे से कुछ बैक्टीरिया प्राप्त किए। इनसे कुछ खास एंजाइम अलग किए जा रहे हैं। इन्हीं एंजाइम का कारखानों में प्रयोग किया जाएगा। इस पर अभी तक जो प्रयोग किए हैं, उनमें सफलता मिली है।
ये रसायन होते हैं प्रयोग
कारखानों में कार्बनिक सॉल्वेंट्स और अवशेष, एसिड, क्लोरीन और फॉस्फेट यौगिक और भारी धातु ( सीसा, पारा, ¨जक) आदि का प्रयोग होता है। कारखानों में घातक रसायनों का प्रयोग बड़ी वैश्विक समस्या है। इसी के समाधान के लिए वैज्ञानिक काम कर रहे हैं।
शरीर के लिए भी महत्वपूर्ण हैं एंजाइम
वैज्ञानिक रामकरण शर्मा का कहना है, एंजाइम का हमारे शरीर में बहुत महत्व है। एंजाइम के बिना हम सांस द्वारा ली गई ऑक्सीजन तक का उपयोग नहीं कर सकते, क्योंकि एंजाइम ही शरीर की कोशिकाओं तक ऑक्सीजन पहुंचाते हैं। एंजाइम भोजन को बचाने में भी सहायक हैं। एंजाइम के अभाव में व्यक्ति की मृत्यु तक हो सकती है।